कहानी आगे बढाने के पूर्व अपना परिचय करवा दूं.
मैं अभिसार, या शॉर्ट में 'अभि', एक २४ वर्षीय लम्बा, चौड़ा, गोरा और अत्यंत ही आकर्षक नौजवान हूँ. (इस समय २८ का हो चूका हूं)
मैं मुंबई के बांद्रा बेन्ड-स्टेंड इलाके में एक बहुत ही पाश कम्पाउंड में पापा के एक दोस्त के मकान में अकेला रहता हूँ. अंकल-आंटी घर मेरे हवाले करके अपने बेटे के यहाँ अमेरिका चले गए.
पापा का ट्रान्सफर जब मुंबई से सूरत हुआ तो मेरे से १ साल छोटी बहन, ऋतू , मेरे चाचा के घर बोरीवली शिफ्ट हो गई क्योंकि मेरी कजिन, संजना , उसी के साथ पड़ती थी. मैं वीक-एंड पर ही उससे मिलने जा पाता था.
मेरे आकर्षक व्यक्तित्व से लड़कियां बहुत ही जल्दी प्रभावित हो जाती है. स्वाभाव से मैं एकदम सॉफ्ट और संकोची किस्म का हूं.
मैं एक बहु-राष्ट्रिय कम्पनी में अपनी मेहनत के बल पर सिर्फ १ साल में ही सीनियर एनालिस्ट के महत्वपूर्ण पद पर पहुँच गया था.
मेरे ऑफिस की रिसेप्शनिस्ट, प्रिया , बहुत ही आकर्षक और सेक्सी लड़की, जिस पर ऑफिस के सारे मर्द जान लुटाते थे परन्तु उसकी रूचि सिर्फ मुझमें थी.
फिर एक दिन वो घटना भी घट गई जिसके बाद हम दोनों के बीच कुछ भी पर्दा ना रहा और हम रेगुलर सेक्स करने लगे. प्रिया मुंबई में अपनी रूम पार्टनर, महकदीप , के साथ रहती थी.
प्रिया उससे सारी बातें शेयर करती थी. हम दोनों के अन्तरंग सबंधों का लाइव टेलीकास्ट सुन सुन कर आखिर वो भी कब तक कंट्रोल रख पाती. आखिरकर वो भी हमारे खेल में शामिल हो गई.
मेरी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी.
प्रतिष्ठित नौकरी, दो दो छोकरी,,,,, आलिशान घर, ना किसी का डर,,,,,और क्या चाहिए.
चलिए वापिस आता हूं ट्रेक पर..................
दुबई में एक नए क्लाइंट को प्रेजेंटेशन देना है और उसके बाद फिर अग्रीमेंट भी करना है इसलिए सुबह जल्दी की फ्लाईट ली थी.
एक घंटे के बाद मैं एक बेहद आलिशान होटल 'ग्रेंड हयात' में अपने सुइट में था.
सारा दिमाग आज होने वाली मीटिंग पर केन्द्रित हो गया था.
दिन भर चली मीटिंग, सफल रही. कांट्रेक्ट फ़ाइनल करने के लिए तीसरे दिन का वक़्त तय हुआ. अब मैं परसों सुबह तक के लिए एकदम फ्री था.
शाम के चार बज चुके थे.
मैं वापिस अपने सुइट पहुंचा.
जैसे ही दरवाजा खोलने लगा तो देखा पास के सुइट से मेरा कालेज का दोस्त, अजय, एक बहुत ही खूबसूरत लड़की के साथ अपना दरवाजा बंद करके मेरी ओर आ रहा था.
जैसे ही उसने मुझे देखा वो एकदम से खिल गया..........’अभि, तू’
‘हाय अजय, अरे बड़े दिनों बाद दिखा यार और वो भी यहाँ.........क्या हो रहा है यार दुबई में, और ये साथ में कौन है.’.........मैंने धीरे से पूछा.
‘अभि, ये डॉली है.............और डॉली........ये मेरा कालेज का बहुत अच्छा दोस्त है.’ उसने परिचय करवाया.
हमने हाथ मिलाये........बहुत कोमल हाथ था.....
‘चलो आओ अंदर, कुछ देर बैठते हैं.’........मैंने उनसे कहा.
डॉली ने कहा......’अजय, फिर लेट नहीं हो जायेंगे.’
मैं उस खूबसूरती को कुछ देर और देखना चाहता था इसलिए बोला......’बस पांच मिनट.’
मैं अभिसार, या शॉर्ट में 'अभि', एक २४ वर्षीय लम्बा, चौड़ा, गोरा और अत्यंत ही आकर्षक नौजवान हूँ. (इस समय २८ का हो चूका हूं)
मैं मुंबई के बांद्रा बेन्ड-स्टेंड इलाके में एक बहुत ही पाश कम्पाउंड में पापा के एक दोस्त के मकान में अकेला रहता हूँ. अंकल-आंटी घर मेरे हवाले करके अपने बेटे के यहाँ अमेरिका चले गए.
पापा का ट्रान्सफर जब मुंबई से सूरत हुआ तो मेरे से १ साल छोटी बहन, ऋतू , मेरे चाचा के घर बोरीवली शिफ्ट हो गई क्योंकि मेरी कजिन, संजना , उसी के साथ पड़ती थी. मैं वीक-एंड पर ही उससे मिलने जा पाता था.
मेरे आकर्षक व्यक्तित्व से लड़कियां बहुत ही जल्दी प्रभावित हो जाती है. स्वाभाव से मैं एकदम सॉफ्ट और संकोची किस्म का हूं.
मैं एक बहु-राष्ट्रिय कम्पनी में अपनी मेहनत के बल पर सिर्फ १ साल में ही सीनियर एनालिस्ट के महत्वपूर्ण पद पर पहुँच गया था.
मेरे ऑफिस की रिसेप्शनिस्ट, प्रिया , बहुत ही आकर्षक और सेक्सी लड़की, जिस पर ऑफिस के सारे मर्द जान लुटाते थे परन्तु उसकी रूचि सिर्फ मुझमें थी.
फिर एक दिन वो घटना भी घट गई जिसके बाद हम दोनों के बीच कुछ भी पर्दा ना रहा और हम रेगुलर सेक्स करने लगे. प्रिया मुंबई में अपनी रूम पार्टनर, महकदीप , के साथ रहती थी.
प्रिया उससे सारी बातें शेयर करती थी. हम दोनों के अन्तरंग सबंधों का लाइव टेलीकास्ट सुन सुन कर आखिर वो भी कब तक कंट्रोल रख पाती. आखिरकर वो भी हमारे खेल में शामिल हो गई.
मेरी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी.
प्रतिष्ठित नौकरी, दो दो छोकरी,,,,, आलिशान घर, ना किसी का डर,,,,,और क्या चाहिए.
चलिए वापिस आता हूं ट्रेक पर..................
दुबई में एक नए क्लाइंट को प्रेजेंटेशन देना है और उसके बाद फिर अग्रीमेंट भी करना है इसलिए सुबह जल्दी की फ्लाईट ली थी.
एक घंटे के बाद मैं एक बेहद आलिशान होटल 'ग्रेंड हयात' में अपने सुइट में था.
सारा दिमाग आज होने वाली मीटिंग पर केन्द्रित हो गया था.
दिन भर चली मीटिंग, सफल रही. कांट्रेक्ट फ़ाइनल करने के लिए तीसरे दिन का वक़्त तय हुआ. अब मैं परसों सुबह तक के लिए एकदम फ्री था.
शाम के चार बज चुके थे.
मैं वापिस अपने सुइट पहुंचा.
जैसे ही दरवाजा खोलने लगा तो देखा पास के सुइट से मेरा कालेज का दोस्त, अजय, एक बहुत ही खूबसूरत लड़की के साथ अपना दरवाजा बंद करके मेरी ओर आ रहा था.
जैसे ही उसने मुझे देखा वो एकदम से खिल गया..........’अभि, तू’
‘हाय अजय, अरे बड़े दिनों बाद दिखा यार और वो भी यहाँ.........क्या हो रहा है यार दुबई में, और ये साथ में कौन है.’.........मैंने धीरे से पूछा.
‘अभि, ये डॉली है.............और डॉली........ये मेरा कालेज का बहुत अच्छा दोस्त है.’ उसने परिचय करवाया.
हमने हाथ मिलाये........बहुत कोमल हाथ था.....
‘चलो आओ अंदर, कुछ देर बैठते हैं.’........मैंने उनसे कहा.
डॉली ने कहा......’अजय, फिर लेट नहीं हो जायेंगे.’
मैं उस खूबसूरती को कुछ देर और देखना चाहता था इसलिए बोला......’बस पांच मिनट.’
______________________________
अब हम दोनों सोफे पर आमने सामने बैठे थे.
क्या हसीन थी वो....... फूल सी नाज़ुक, कमनीय काया, नीली आँखे, आकर्षक चेहरा, खुले लंबे बाल और शिमर का पिंक इवेनिंग गाउन पहन रखा था.
ऊपर की तरफ वो उसके मोटे चुच्चों पर टंगा हुआ था, वहीँ नीचे घेर के एक साइड लंबा कट लगा हुआ था.
उसके बैठने से वो कट चौड़ा होकर उसकी पूरी टांग को नंगा कर गया. उसने उसे छुपाने के बजाय उसी टांग को दूसरी टांग पर चढ़ा लिया. कट के उपरी भाग में से क्रो़च-एरिया साफ़ दिखाई देने लगा.
स्वाभाविक तौर पर मेरी नज़र अंदर घुसी. वो अंदर काले रंग की पहने हुए थी. मैं गोरी टांगो में लिपटी काली चड्डी (कट वाली नहीं बल्कि थाई तक आने वाली) के लिए बहुत फिटीश था वहाँ से नज़र हटाना मुश्किल हो था था.
उसने मुझे डायवर्ट किया. वो अपना एक हाथ अपनी खुली थाई पर रख कर उसपे फिरने लगी. एकदम गोरी और चिकनी टांग देख कर मुझे कुछ कुछ होने लगा और वो लगातार मेरा इम्तेहान लेने में लगी हुई थी.
मैंने उसे देखा तो वो मुझे ही देख रही थी. अब उसने मेरी आँखों में अपनी आँखे डाल दी. मैंने तुरंत अपनी निगाह हटा ली.
फिर जब दुबारा उसे देखा तो पाया कि वो तो लगातार मुझे ही देखे जा रही थी.......अबकी बार पता नहीं क्या हुआ कि मैं अपनी नज़रें उसकी आँखों से हटा नहीं पाया और उनमें डूबने लगा.
पता ही नहीं चला कि अजय कब आया और हमें एक दूसरे में खोये हुए देख रहा था.
‘ये क्या चल रहा है दोनों में......’......उसकी आवाज़ सुन कर हम दोनों का ध्यान भंग हुआ.
मुझे थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई.
वो डॉली से चिपक कर बैठ गया और उसे अपनी बाँहों में भरते हुए मुझसे पूछा......’पता है ये डॉली मेरी क्या लगती है.’
मैंने ना में सर हिलाया.
‘ये मेरी कज़न है, मौसी की लड़की.’.....उसने अपने मुंह को उसके गाल पर रखते हुए बोला.
‘क्याआआआआआआआअ ........कज़न............’......मेरा मुंह खुला का खुला रह गया.
‘ये सिटी बैंक में काम करती है और एक सेमिनार अटेंड करने दुबई आई हुई है. मैं भी इसके साथ चुपके से आ गया हूँ.’......वो बोला और उसकी नंगी जांघ को सहलाने लगा.
डॉली ने तुरंत उसके हाथ पर मारा और बोला.....’क्या कर रहा है ......कुछ शरम लिहाज़ है कि नहीं.’
‘शरम लिहाज़ की बच्ची.......बड़ी बातें आ रही है..........क्या गुल खिला रही थी अभी तू..........कैसी बेशर्मी से नैन-मटक्का चल रहा था.’..........अजय ने उसे झिड़का.
उनकी नोंकझोंक से अनुमान लगाना मुश्किल था कि वे भाई बहन है. बातें तो प्रेमी प्रेमिका जैसी हो रही थीं.
भानुप्रिया की चुदास ने मुझे मर्द बनाया (Bhanupriya ki chudas ne mujhe mard banaya)
ReplyDeleteकल्पना का सफ़र: गर्म दूध की चाय (Kalpna Ka Safar: Garam Doodh Ki Chay)
क्लास में सहपाठिन की चूत में उंगली (Class me Sahpathin Ki Chut me Ungli)
स्कूल में चूत में उंगली करना सीखा (School Me Chut Me Ungli Karna Sikha)
फ़ुद्दी की चुदास बड़ी है मस्त मस्त (Fuddi Ki Chudas Badi Hai Mast Mast)
गाँव की छोरी की चूत कोरी (Gaanv Ki Chhori Ki Chut Kori)
भाभी की चूत चोद कर शिकवा दूर किया ( Bhabi ki Chut Chod Kar Sikawa Dur Kia)
भाभी की खट्टी मीठी चूत ( Bhabhi Ki Mithi Chut)
पत्नी बन कर चुदी भाभी और मैं बना पापा (Patni Ban Kar Chudi Bhabhi Aur Men Bana Papa)
दैया यह मैं कहाँ आ फंसी
भाभी का नंगा गोरा बदन
फुद्दी चुदाने को राजी भाभी
बेस्ट गर्ल-फ्रेण्ड भाभी की चुदास-2
बेस्ट गर्ल-फ्रेण्ड भाभी की चुदास-1
चुपके चुपके चुदाई
चुदाई एक प्यारा अहसास
दिल्ली का यादगार ट्रेन सफ़र
एक घर की ब्लू फिल्म
ReplyDeleteSite 1 - दोस्त की बीवी
Site 2 - डॉली और कोचिंग टीचर
Site 3 - कामवाली की चुदाई
Site 4 - नाटक में चुदाई
Site 5 - स्वीटी की चुदाई
Site 6 - कजिन के मुहं में लंड डाला
Site 7 - मेरी कामुक बीवी बनी प्राइवेट रण्डी
Site 8 - बहन की चुदाई
Site 9 - प्यार-१[ मोनिका]
Site 10- नौकरानी को पटाकर चोदा
Site 11 - स्वीट प्रिया भाभी की चूत चोदी
Site 12 - माँ ने अपनी चूत मेरे बॉस को दी
Site 13 - अपनी चाची तैयार हो गई
Site 14 - फ़ोन से चुदाई तक
Site 15 - खूबसूरत बहन
Site 16 - बीवी के साथ फेटिश सेक्स
Site 17 - भाभी के साथ अधूरी कहानी