5 Feb 2013

Ek Shuruwat 1

ये मेरी कहानी सच्ची है मैं जयपुर का रहने वाला हु मेरा नाम राहुल है और ये बात जब की जब मेरी स्कूलिंग ख़त्म हो गई थी और कोलेज में दाखिले की तयारी थी इस कहानी का हीरो मैं हु और हेरोइन मेरी कजिन रिटा है रिटा अबू धाबी में रहती है और वो हर साल छुट्टियों में इंडिया हमारे घर यानि अपनी मोसी के घर आती थी हर साल हम सभी कजिनस छुट्टिया साथ बिताते थे 10 हम कजिन है हमउम्र जिनमे से छ हम लड़के थे और चार लडकिया थी हर बार की तरह इस बार पियासी कुछ नया नहीं था हम वही पिछले सालो की तरह से मस्ती करने के लिए मेरे घर पर जुटे थे इस बार बस जो अलग था वो ये की अब हम सब जवान हो गए थे सिवाए रिटा की बहन ऋचा के वो हम सब में सबसे छोटी थी पर वो भी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी वो स्वीट  की हो गई थी हमारी छुटिया बड़े मजे से गुजर गई और महिना कब ख़तम हो गया पता ही नहीं चला अब सबके वापिस जाने का टाइम आ गया था और अब सिर्फ घर पर 10 में से हम तीन ही बचे थे मैं, रिटा और ऋचा अभी तक हम सब से साथ होने की वजह से कुछ स्पेशल नहीं था पर अब सिर्फ मैं ही था जो उनको इस शहर में घुमा सकता था और बाकि के सप्ताह भर तक मस्ती कराता अब मेरी दोनों बहने मेरे नखरे उठाने लगी और ऋचा जो की अभी थोड़ी सी छोटी थी या यु कहू की पूरी तरह से जवान नहीं हुई थी वो मुझसे बाईक सीखना चाहती थी और जैसे ही उसने मुझसे कहा तो मोसी ने मन कर दिया इस पर मेरे पापा ने बोला कोई दिक्कत नहीं होगी क्युकी मैं पडोसी के लड़के को चलाना सिखा चूका हु 4 पिछले साल से बाईक चला रहा हु ऋचा को इजाजत मिलते ही रिटा ने पियासी कहा की वो पियासी सीखेगी अब रोज रात को तक़रीबन 10 - 11 बजे मैं दोनों को बाईक चलाना सिखाने लगा क्युकी पहले ऋचा ने कहा था इसलिए मैं पहले उसे सिखाने के लिए लेकर गया रात बहुत थी इसलिए सभी घर में ही बैठे थे और सिर्फ मैं और ऋचा ही बहार निकले मेने ऋचा को कहा कि आज पहले सिर्फ तू हेंडल करना सीख ले और मैंने उसे सिखाना शुरू किया वो मेरी उम्मीद से कही बेहतर थी 5 उसने मिनट में ही सीख लिया अब बारी आई रिटा की, अब मैं निश्चिन्त था की जब ऋचा ने इतना अच्छा बेलेंस किया है तो रिटा तो और पियासी आराम से कर लेगी पर मैं गलत था अभी मैंने उसे हेंडल दिया ही था की हम गिरते गिरते बचे अगर मैं पैर जमीन पर नहीं टिकाता तो हम दोनों ही जमीन पर होते बाईक संभालने के चक्कर में मेरा लेफ्ट हाथ तो उसके पेट पर था पर मेरा सीधा हाथ उसके राईट साइड के आर्म पिट से कुछ निचे था और क्युकी बाईक लेफ्ट साइड में गिर रही थी तो मेने अपना लेफ्ट पैर जमीन पर टिका रखा था और मैं उसी तरफ झुका हुआ था उस वक़्त तो मेरा पूरा ध्यान सिर्फ बाईक पे था पर जब बाईक संभल गयी तब मेने महसूस किया की मेरे राईट हाथ रिटा के बूब को साइड से छु रहा था मैं मेरी हालत बयान नहीं कर सकता क्युकी वो मेरा पहला अनुभव था बूब छूने का और वो भी मेरी के, अब मेरे अन्दर एक जंग शुरू हो गयी की ये सही है या गलत पर मेरा हाथ वही था रिटा के बूब पर अभी मैं अपने आप में संभालता उससे पहले ही रिटा ने सॉरी सॉरी कहना शुरू कर दिया .... उसे लग रहा था कि अभी उसकी वजह से हम गिर जाते अब भी मेरा हाथ वही था मेने अपने दुसरे हाथ से बाईक सीधी कि और सोचा कि मैं बिना बात के ही डर रहा था इसे तो पता भी नहीं है कि मैं इसके बूब को छु रहा हु अब मैं उससे बिलकुल चिपक कर बैठ गया और अपने दोनों हाथ ठीक उसकी आर्म पिट के निचे से ले जाते हुए बाईक का हेंडल पकड़ा और उसे बाईक सिखाने लगा रिटा का पूरा ध्यान बाईक पर था और मेरा उसके बूब्स पर और इसी तरह से हमने करीब आधा घंटा बाईक चलाई जब घर आये तो ऋचा ने कहा इसे इतनी देर तक क्यों सिखाई तो मेने कहा इसको तो हेंडल करना भी आता और ये तो तुझसे बहुत फिस्सडी है इस बात पर सभी हंसने लगे और रिटा नाराज हो गई मैं उसको मानाने गया तो उसने कहा कि उसे नहीं सीखनी बाईक ये सुनते ही मेरे सारे ख्वाब हवा हो गए और मैं उससे मानाने में लग गया और उसे मानाने में रात 2 के बज गए फिर हम तीनो मेरे कमरे में सो गए एक तरफ मैं बीच मैं ऋचा और फिर रिटा .. ... वो दोनों तो जल्दी से सो गयी पर मेरी नींद तो उड़ चुकी थी मैं तो सिर्फ रिटा के बूब के बारे में सोच रहा था अब मैं हरामी हो गया था और यही सोच रहा था कि अभी तो सिर्फ साइड से ही छुए है पुरे बूब को दबाने का मजा कैसे लू फिर मेने एक प्लान बनाया फिर मेने सोने कि कोशिश कि पर नींद नहीं आ रही थी और इच्छा हो रही कि अभी एक बार और छु कर देखू पर रिटा तक पहुचना मुश्किल था तो मेने सोचा कि रिटा के खरबूजे नहीं तो ऋचा के छोटे छोटे नीबू ही सही मैंने सोने का नाटक करते हुए अपना एक हाथ ऋचा के नीबू पर रखा रिटा के बूब बड़े थे इसलिए बहुत सोफ्ट थे हल्के से में ही दब जाते थे पर ऋचा के छोटे थे और वो भी ब्रा में कैद तो मुझे हाथ रखने में मजा नहीं आया एक बार तो मेने सोचा कि अब तो कल ही मिलेगा मुझे पर मेरे अन्दर के शैतान ने कहा कि एक बार दबा के देख लेना चाहिए और मेने हिम्मत करके अपने हाथ का दबाव बढाया अब मुझे कुछ कुछ मजा आने लगा और ज्यादा करने कि इच्छा होने लगी मैं अब ऋचा के पास सरक गया और अपनी उंगलियों से उसके निप्पल को छूने कि कोशिश करने लगा जैसे ही मेरा हाथ उसके निप्पल को लगा ऋचा ने हरकत करी मेरी गांड फट गयी और मैंने अपना हाथ हटा लिया पर जब देखा कि वो नींद में है और उसे नहीं पता चला तो मेने रिटा के बूब छूने कि कोशिश करी मेने अपना हाथ रिटा तक ले जाने कोशिश करी तो पता चला कि दूसरी तरफ मुह करके सो रही है मेने अपने आप से कहा हो गई खड़े लंड पर चोट और मैं वापिस से ऋचा के बूब पर अपना हाथ ले जाने लगा तभी ऋचा ने करवट ली और वो अपने दोनों बूब्स को गद्दे में दबा कर सो गई अब मैं पागल हो गया की खरबूजे के चक्कर में नीबू भी गए और मैं उठ कर बैठ गया करीब १० मिनट के बाद रीता ने करवट ली और वो अब हमारी तरफ करवट ले कर सो रही थी|