कितनी
सेक्सी लग रही थी दीदी और उनके मुलायम कोमल बोबे जो शाम को मेरे हाथो मैं थे ये
सोचते 2 मैं चादर के अंदर से अपना लंड सहलाने लगा और चोरी 2 दीदी को इस पोजीशन मैं लेटे हुए देखता रहा दीदी को एसे लेटे
हुए देखते हुए मैंने दीदी की ब्रा के कप को देखा और देखते 2 सोचने लगा की यही ब्रा के कप्स थे जिनको शाम को मैंने नीचे
करके दीदी के बोबो को ऊपर से नंगा कर दिया था इतने मैं मम्मी ने मुझसे कहा
"सोनू तू भी कल स्कूल मत जाना घर पे रुकना कल तू " मैंने कहा " हाँ
मम्मी " और सोचने लगा की कल दीदी को साडी उतारते हुए केसे देख जाये पहले जो
चोंटे मेरे साथ हुई थी मैंने उनको भी ध्यान मैं रखा की एसा कुछ प्लान बनाऊ की ये
मौका हाथ से न जाने पाए फिर दीदी और मैं सोने के लिए हमारे रूम मैं आगये मैं अपने
बेड पे लेट गया और दीदी अपने बीएड पे बैठी हुई थी और सोने की तैयारी कर रही थी वो
अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बालो को खोल रही थी इस कारण उनके छाती बहार की साइड
आगयी थी और उनके मोटे मोटे बोबे भी बहार आ गये थे मेरा लंड वापस अंगडाई लेने लगा
दीदी के मोटे बोबो को देख के दीदी अपने बालो के क्लिप को साइड में रख रही थी और
दीदी का क्लिप नीचे गिर गया और उसे उठाने के लिए वो नीचे झुकी और वापस उनके टॉप के
गले मैं से मुझे उनके बोबो की झलक दिखाई दे गयी
दीदी के बोबे देखते हुए मैं अपने होठो पे अपनी जीभ फेरने लगा की कितने रसीले हैं दीदी के बोबे कब मुझे इन्हें चूसने को मिलेगा कब मैं अपनी जीभ दीदी के निप्पल्स पे लगा के उन्हें चुसुंगा उनके दोनों बोबो को कब चुसुंगा कब इनका रस पियूँगा तभी दीदी ने लाइट बंद कर दी और मुझे gudnight विश किया लेकिन नींद तो आँखों से बाहर थी मेरे दिमाग मैं तो बस दीदी के बोबे ही घूम रहे थे 6 सुबह बजे मैं उठा तो दीदी ने अपनी चादर हटा दी थी और दीदी को सोते हुए देख मेरा लंड खड़ा हो गया दीदी करवट लेके सो रही थी ओत उनके बोबे चिपक रहे थे ओए उनके मोटे बोबे कितना हसीं क्लीवेज बना रहे थे उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स मुझे साफ़ 2 नजर आ रही थी उनकी ब्रा की स्ट्रेप उनके कंधे तक आगयी थी
मैं धीरे से दीदी के पास गया और उनकि ब्रा की स्ट्रेप पे धीरे से किस किया फिर उनकी टॉप के गले को आगे से धीरे से खींचा तो मुझे उनकी अंदर से ब्रा के कप्स नजर आ गए थे मेरी इच्छा तो हुई की उनके ब्रा मैं हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू लेकिन मैं ऐसा कुछ कर नहीं सकता था मैंने 1 हाथ से उनके टॉप का गला पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसे 2 जल्दी हिलाने लगा और दीदी की ब्रा और बोबो को देखते हुइ सोचना लगा की इन्हें कल मसला था मैंने अँधेरे में थोड़ी देर मे मैं झर गया मैंने दीदी के टॉप के गले को ठीक किया और वापस सो गया सुबह से दीदी और मम्मी अपनी 2 तैयारियों मैं लगे हुए थे शादी मैं जाने के लिए वो अपनी तैयारी कर रहे थे मैं अपनी तैयारी कर रहा था की दीदी को नंगी केसे देखा जाये दिन मे दीदी मम्मी के रूम मैं गई और गेट बंद कर लिया मैं रूम के दरवाजे पर कान लगा कर उनकी बातें सुनने लगा दीदी "मम्मी मुझे साडी पहननी तो आती नहीं है तो कैसे पहनुगी " मम्मी ने कहा "अरे तो यहाँ पेहेन ले न मेरे सामने " दीदी ने बोला "फिर मम्मी ब्रा पेंटी ?" मम्मी ने कहा " ओहो ! जो भी ब्रा पेंटी तुझे पहननी है वो अपने बाथरूम मैं पेहेन ले और वापस यही कपडे डाल के मेरे रूम मैं आजा फिर यहाँ साडी पेहेन ले मैं बता दूंगी केसे पहननी है " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी " मैंने ये बातें सुन ली थी और मुझे याद आया की मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे मैं पहले छेद कर दिया था आज मेरे पास में मौका था दीदी को ब्रा पेंटी पहनते हुए देखने का दीदी बाथरूम मैं घुसी दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के छेद मे से वो पेपर का टुकड़ा निकाला और मेरे सामने मेरी दीदी थी ब्रा पहनते हुए
आज मैंने पहली बार इतने पास से और सामने से अपनी दीदी को ब्रा मैं देखा था क्या शेप बन रहा था दीदी की ब्रा को उनके मोटे बोबो के कारन फिर मैं दीदी को ब्रा पहनते हुए देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा फिर दीदी पेंटी पहनने लगी लेकिन बाथरूम के दरवाजे का छेद छोटा था तो मुझे नीचे का कुछ नजर नहीं आया फिर दीदी बाहर निकली और मम्मी के रूम में चली गयी मैं वापस अपनी तयारी मैं लग गया थोड़ी देर बाद दीदी बहार आयी और मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी
मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं " मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा .
दीदी के बोबे देखते हुए मैं अपने होठो पे अपनी जीभ फेरने लगा की कितने रसीले हैं दीदी के बोबे कब मुझे इन्हें चूसने को मिलेगा कब मैं अपनी जीभ दीदी के निप्पल्स पे लगा के उन्हें चुसुंगा उनके दोनों बोबो को कब चुसुंगा कब इनका रस पियूँगा तभी दीदी ने लाइट बंद कर दी और मुझे gudnight विश किया लेकिन नींद तो आँखों से बाहर थी मेरे दिमाग मैं तो बस दीदी के बोबे ही घूम रहे थे 6 सुबह बजे मैं उठा तो दीदी ने अपनी चादर हटा दी थी और दीदी को सोते हुए देख मेरा लंड खड़ा हो गया दीदी करवट लेके सो रही थी ओत उनके बोबे चिपक रहे थे ओए उनके मोटे बोबे कितना हसीं क्लीवेज बना रहे थे उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स मुझे साफ़ 2 नजर आ रही थी उनकी ब्रा की स्ट्रेप उनके कंधे तक आगयी थी
मैं धीरे से दीदी के पास गया और उनकि ब्रा की स्ट्रेप पे धीरे से किस किया फिर उनकी टॉप के गले को आगे से धीरे से खींचा तो मुझे उनकी अंदर से ब्रा के कप्स नजर आ गए थे मेरी इच्छा तो हुई की उनके ब्रा मैं हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू लेकिन मैं ऐसा कुछ कर नहीं सकता था मैंने 1 हाथ से उनके टॉप का गला पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसे 2 जल्दी हिलाने लगा और दीदी की ब्रा और बोबो को देखते हुइ सोचना लगा की इन्हें कल मसला था मैंने अँधेरे में थोड़ी देर मे मैं झर गया मैंने दीदी के टॉप के गले को ठीक किया और वापस सो गया सुबह से दीदी और मम्मी अपनी 2 तैयारियों मैं लगे हुए थे शादी मैं जाने के लिए वो अपनी तैयारी कर रहे थे मैं अपनी तैयारी कर रहा था की दीदी को नंगी केसे देखा जाये दिन मे दीदी मम्मी के रूम मैं गई और गेट बंद कर लिया मैं रूम के दरवाजे पर कान लगा कर उनकी बातें सुनने लगा दीदी "मम्मी मुझे साडी पहननी तो आती नहीं है तो कैसे पहनुगी " मम्मी ने कहा "अरे तो यहाँ पेहेन ले न मेरे सामने " दीदी ने बोला "फिर मम्मी ब्रा पेंटी ?" मम्मी ने कहा " ओहो ! जो भी ब्रा पेंटी तुझे पहननी है वो अपने बाथरूम मैं पेहेन ले और वापस यही कपडे डाल के मेरे रूम मैं आजा फिर यहाँ साडी पेहेन ले मैं बता दूंगी केसे पहननी है " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी " मैंने ये बातें सुन ली थी और मुझे याद आया की मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे मैं पहले छेद कर दिया था आज मेरे पास में मौका था दीदी को ब्रा पेंटी पहनते हुए देखने का दीदी बाथरूम मैं घुसी दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के छेद मे से वो पेपर का टुकड़ा निकाला और मेरे सामने मेरी दीदी थी ब्रा पहनते हुए
आज मैंने पहली बार इतने पास से और सामने से अपनी दीदी को ब्रा मैं देखा था क्या शेप बन रहा था दीदी की ब्रा को उनके मोटे बोबो के कारन फिर मैं दीदी को ब्रा पहनते हुए देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा फिर दीदी पेंटी पहनने लगी लेकिन बाथरूम के दरवाजे का छेद छोटा था तो मुझे नीचे का कुछ नजर नहीं आया फिर दीदी बाहर निकली और मम्मी के रूम में चली गयी मैं वापस अपनी तयारी मैं लग गया थोड़ी देर बाद दीदी बहार आयी और मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी
मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं " मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा .
इतनी
सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी
दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे
बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया
की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और
कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं
" मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने
फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो
आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी
ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं
जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की
साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे
कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा
मम्मी और दीदी संगीत के लिए निकल गए और मैं घर पे अकेला था और सोच रहा था की इतनी खुबसूरत मेरी दीदी को आज साडी उतारते हुए केसे देखा जाये मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे में तो पहले ही छेद कर दिया था अब मैंने सोचा की क्या पता दीदी आज वापस अपने रूम में ही अपने कपडे चेंज करने लग जाये तो मैं आज वापस कुछ नहीं देख पाऊंगा तो मैंने पेचकस लिया और दीदी के रूम के दरवाजे में भी 1 छेद कर दिया और उसमे भी पेपर का टुकड़ा फंसा दिया ताकि किसी को पता नहीं पड़े की दरवाजे मैं छेद है अब मैं बहुत खुश था क्यों की दो जगह थी जहाँ दीदी अपने कपडे चेंज करती थी और उन दोनों ही जगहों के दरवाजो मे मैंने छेद कर दिया था उन्हें नंगी देखने के लिए अब मैं मम्मी और दीदी के आने का वेट करने लगा अभी उनके आने मे टाइम था तो मैंने लैपटॉप ओन किया और दीदी का अकाउंट खोला और उनकी chats निकाली मैंने दीदी की वही chats निकाली जिसमे जीजू उनके यहाँ वहां हाथ लगा रहे थे जो क्योंकि मैं वो chat आधी ही पड़ पाया था मम्मी के आजाने के कारन मैंने उसे वही से ही पड़ना स्टार्ट किया जहाँ से मैंने छोड़ा था :-
priti214 - मैं श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मे देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन सब को कैसे रोको क्यों की जीजू बहुत ज्यादा छेड़ छाड़ कर रहे थे अगर दीदी देख लेती तो सारी बात मुझ पर आती जबकि मेरी कोई गलती ही नहीं थी
raj2002 - फिर जान
priti214 - उस दिन दीदी के घर 2-3 गेस्ट्स और आगये उनका फ्लैट बहुत ही छोटा था तो दीदी ने कहा "प्रीती तू 1 काम कर तू हमारे बेडरूम मैं ही सो जाना मेरे पास और इन गेस्ट्स को तेरे रूम मैं शिफ्ट कर देते हैं " मैंने कहा " ठीक है दीदी " दीदी के कहने पे मैं अपना सारा सामान दीदी जीजू के बेडरूम में ले आयी फिर रात को सोने का टाइम हुआ ...
raj2002 - जान तुमने उस दिन रात को पहना क्या था
priti214 - उम्म्म्म्म जानू याद नहीं है बट शायद क्रीम कलर का पतला सा टोपर था और कैपरी थी
raj2002 - फिर जान आगे क्या हुआ
priti214 - रात को सब सोने लगे तो डबल बेड पे जीजू 1 कोने में सो गए बीच मैं दीदी और सबसे कोने पे मैं सो गयी रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली थोड़ी सी आवाजो से मैंने थोडा सा चादर हटा कर देखा तो पास में दीदी जीजू के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों किस कर रहे थे और मुझे उनके किस्सेस की हलकी 2 आवाजें भी आ रही थी तभी दीदी ने जीजू से बोला " यार तुम पागल हो क्या प्रीती भी इसी रूम में सो रही है थोडा तो सोचो अगर उसने कुछ देख लिया तो छोड़ो न मुझे प्लीज " जीजू ने कहा "अरे कोई कुछ नहीं दिखेगा उसे सो रही है वो भी " फिर दीदी जीजू वापस किस करने लगे पूरे रूम में अँधेरा था बस हलकी सी चाँद की रौशनी आ रही थी मुझे उनकी आवाजें सुन कर कुछ 2 होने लगा था
raj2002 - वाओ !! यार तुम पास मैं लेटी हो और दीदी जीजू किस कर रहे थे सोच के ही खड़ा हो गया मेरा तो तुम भी तो गरम होने लग गयी होंगी न
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म
raj2002 - फिर क्या हुआ जान
priti214 - फिर जीजू ने दीदी को बेड पे लेटा दिया और किसेस करने लगे फिर जीजू ने दीदी को वापस अपने ऊपर ले लिया करवट बदलते 2 जीजू मेरे काफी पास आगये थे अब जीजू दीदी को अपने ऊपर लेके किस कर रहे थे और तभी मुझे मेरे टॉप के ऊपर कुछ महसूस हुआ वो जीजू का हाथ था मेरी चादर के अंदर वो दीदी को किस 2 करते मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन्हें केसे रोको साला कमीना अपनी बीवी को किस कर रहा है और मेरे बूब्स पे हाथ फेर रहा है फिर दीदी जीजू के पूरी बॉडी पे किस करते 2 चादर के अंदर नीचे चली गयी और जीजू ने 1 हाथ अपनी बीवी के सर पे रख रखा था और उनके बालो को सहला रहे थे और दुसरे हाथ से मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे
raj2002 - फिर
priti214 - मुझे अजीब सी फीलिंग होने लगी तभी जीजू ने अपना हाथ मेरे पेट पे रखा और मेरे नाभि में ऊँगली डाल के गोल 2 घुमाने लगे मुझे पता नहीं क्या होने लगा था मैंने दोनों हाथ से अपना तकिया पकड़ लिया मुझे अपने शरीर पे जीजू का हाथ इतना अच्छा लग रहा था तभी जीजू का हाथ मेरे पेट पे से मेरे टॉप के अंदर गया और धीरे 2 ऊपर जाने लगा उनका हाथ मेरे टॉप के अंदर मेरी ब्रा पे था वो मेरे बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने लगे मुझे अजीब सा नशा छा रहा था मेरे दोनों बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने के बाद जीजू का हाथ मेरी गर्दन पे आया और मेरे टॉप के गले मैं वो अपना हाथ डालने लगे
raj2002 - फिर क्या हुआ जान और तुमने मना क्यों नहीं किया
priti214 - चाह के भी मैं उन्हें मना नहीं कर पा रही थी पता नहीं मुझे क्या हो रहा था फिर उन्होंने मेरे टॉप के गले में अपना हाथ डाला और मेरी ब्रा के कप के अंदर अपना हाथ डाल के मेरे 1 बूब को दबाने लगे और उसे बहार निकलने लगे
मम्मी और दीदी संगीत के लिए निकल गए और मैं घर पे अकेला था और सोच रहा था की इतनी खुबसूरत मेरी दीदी को आज साडी उतारते हुए केसे देखा जाये मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे में तो पहले ही छेद कर दिया था अब मैंने सोचा की क्या पता दीदी आज वापस अपने रूम में ही अपने कपडे चेंज करने लग जाये तो मैं आज वापस कुछ नहीं देख पाऊंगा तो मैंने पेचकस लिया और दीदी के रूम के दरवाजे में भी 1 छेद कर दिया और उसमे भी पेपर का टुकड़ा फंसा दिया ताकि किसी को पता नहीं पड़े की दरवाजे मैं छेद है अब मैं बहुत खुश था क्यों की दो जगह थी जहाँ दीदी अपने कपडे चेंज करती थी और उन दोनों ही जगहों के दरवाजो मे मैंने छेद कर दिया था उन्हें नंगी देखने के लिए अब मैं मम्मी और दीदी के आने का वेट करने लगा अभी उनके आने मे टाइम था तो मैंने लैपटॉप ओन किया और दीदी का अकाउंट खोला और उनकी chats निकाली मैंने दीदी की वही chats निकाली जिसमे जीजू उनके यहाँ वहां हाथ लगा रहे थे जो क्योंकि मैं वो chat आधी ही पड़ पाया था मम्मी के आजाने के कारन मैंने उसे वही से ही पड़ना स्टार्ट किया जहाँ से मैंने छोड़ा था :-
priti214 - मैं श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मे देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन सब को कैसे रोको क्यों की जीजू बहुत ज्यादा छेड़ छाड़ कर रहे थे अगर दीदी देख लेती तो सारी बात मुझ पर आती जबकि मेरी कोई गलती ही नहीं थी
raj2002 - फिर जान
priti214 - उस दिन दीदी के घर 2-3 गेस्ट्स और आगये उनका फ्लैट बहुत ही छोटा था तो दीदी ने कहा "प्रीती तू 1 काम कर तू हमारे बेडरूम मैं ही सो जाना मेरे पास और इन गेस्ट्स को तेरे रूम मैं शिफ्ट कर देते हैं " मैंने कहा " ठीक है दीदी " दीदी के कहने पे मैं अपना सारा सामान दीदी जीजू के बेडरूम में ले आयी फिर रात को सोने का टाइम हुआ ...
raj2002 - जान तुमने उस दिन रात को पहना क्या था
priti214 - उम्म्म्म्म जानू याद नहीं है बट शायद क्रीम कलर का पतला सा टोपर था और कैपरी थी
raj2002 - फिर जान आगे क्या हुआ
priti214 - रात को सब सोने लगे तो डबल बेड पे जीजू 1 कोने में सो गए बीच मैं दीदी और सबसे कोने पे मैं सो गयी रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली थोड़ी सी आवाजो से मैंने थोडा सा चादर हटा कर देखा तो पास में दीदी जीजू के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों किस कर रहे थे और मुझे उनके किस्सेस की हलकी 2 आवाजें भी आ रही थी तभी दीदी ने जीजू से बोला " यार तुम पागल हो क्या प्रीती भी इसी रूम में सो रही है थोडा तो सोचो अगर उसने कुछ देख लिया तो छोड़ो न मुझे प्लीज " जीजू ने कहा "अरे कोई कुछ नहीं दिखेगा उसे सो रही है वो भी " फिर दीदी जीजू वापस किस करने लगे पूरे रूम में अँधेरा था बस हलकी सी चाँद की रौशनी आ रही थी मुझे उनकी आवाजें सुन कर कुछ 2 होने लगा था
raj2002 - वाओ !! यार तुम पास मैं लेटी हो और दीदी जीजू किस कर रहे थे सोच के ही खड़ा हो गया मेरा तो तुम भी तो गरम होने लग गयी होंगी न
priti214 - ह्म्म्म्म्म्म
raj2002 - फिर क्या हुआ जान
priti214 - फिर जीजू ने दीदी को बेड पे लेटा दिया और किसेस करने लगे फिर जीजू ने दीदी को वापस अपने ऊपर ले लिया करवट बदलते 2 जीजू मेरे काफी पास आगये थे अब जीजू दीदी को अपने ऊपर लेके किस कर रहे थे और तभी मुझे मेरे टॉप के ऊपर कुछ महसूस हुआ वो जीजू का हाथ था मेरी चादर के अंदर वो दीदी को किस 2 करते मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन्हें केसे रोको साला कमीना अपनी बीवी को किस कर रहा है और मेरे बूब्स पे हाथ फेर रहा है फिर दीदी जीजू के पूरी बॉडी पे किस करते 2 चादर के अंदर नीचे चली गयी और जीजू ने 1 हाथ अपनी बीवी के सर पे रख रखा था और उनके बालो को सहला रहे थे और दुसरे हाथ से मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे
raj2002 - फिर
priti214 - मुझे अजीब सी फीलिंग होने लगी तभी जीजू ने अपना हाथ मेरे पेट पे रखा और मेरे नाभि में ऊँगली डाल के गोल 2 घुमाने लगे मुझे पता नहीं क्या होने लगा था मैंने दोनों हाथ से अपना तकिया पकड़ लिया मुझे अपने शरीर पे जीजू का हाथ इतना अच्छा लग रहा था तभी जीजू का हाथ मेरे पेट पे से मेरे टॉप के अंदर गया और धीरे 2 ऊपर जाने लगा उनका हाथ मेरे टॉप के अंदर मेरी ब्रा पे था वो मेरे बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने लगे मुझे अजीब सा नशा छा रहा था मेरे दोनों बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने के बाद जीजू का हाथ मेरी गर्दन पे आया और मेरे टॉप के गले मैं वो अपना हाथ डालने लगे
raj2002 - फिर क्या हुआ जान और तुमने मना क्यों नहीं किया
priti214 - चाह के भी मैं उन्हें मना नहीं कर पा रही थी पता नहीं मुझे क्या हो रहा था फिर उन्होंने मेरे टॉप के गले में अपना हाथ डाला और मेरी ब्रा के कप के अंदर अपना हाथ डाल के मेरे 1 बूब को दबाने लगे और उसे बहार निकलने लगे
उनका
हाथ लगते ही मेरा निप्पल बिलकुल टाइट हो गया फिर वो मेरे टॉप के गले में से मेरा
दूसरा बूब भी बहार निकलने लगे और अपने हाथ से उन्होंने मेरा दूसरा बूब भी बहार
निकल लिया
फिर उन्होंने मेरे टॉप और ब्रा के स्ट्रेप्स को दोनों को मेरे कंधे से नीचे कर दिया जिस से मेरी ब्रा और टॉप दोनों अपने आप ही नीचे हो गए और मेरे दोनों बूब्स बाहर आ गये मेरे निप्पल्स जीजू का हाथ के कारन बिलकुल टाइट और खड़े हो गए थे
अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगे उन्हें सहलाने लगे मेरे मुह से भी हलकी 2 सिसकियाँ निकल रही थी मैं पता नहीं अलग ही दुनिया में थी मुझे इतना ज्यादा मजा कभी नहीं आया था मेरी पेंटी बहुत गीली हो गयी थी जीजू अपने हाथ से मेरे बूब्स को बारी 2 दबा रहे थे फिर वो अपने ऊँगली से मेरे खड़े हुए निप्पल को गोल 2 घुमाने लगे मेरे दोनों बूब्स के दोनों निप्पल्स से खेलने लगे
फिर उन्होंने मेरे टॉप और ब्रा के स्ट्रेप्स को दोनों को मेरे कंधे से नीचे कर दिया जिस से मेरी ब्रा और टॉप दोनों अपने आप ही नीचे हो गए और मेरे दोनों बूब्स बाहर आ गये मेरे निप्पल्स जीजू का हाथ के कारन बिलकुल टाइट और खड़े हो गए थे
अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगे उन्हें सहलाने लगे मेरे मुह से भी हलकी 2 सिसकियाँ निकल रही थी मैं पता नहीं अलग ही दुनिया में थी मुझे इतना ज्यादा मजा कभी नहीं आया था मेरी पेंटी बहुत गीली हो गयी थी जीजू अपने हाथ से मेरे बूब्स को बारी 2 दबा रहे थे फिर वो अपने ऊँगली से मेरे खड़े हुए निप्पल को गोल 2 घुमाने लगे मेरे दोनों बूब्स के दोनों निप्पल्स से खेलने लगे
मैंने कहा "दीदी मम्मी कहाँ है " दीदी ने कहा "सोनू मम्मी वही रुक गयी थोड़ी देर के लिए और मैं आगयी मम्मी भी आ जाएंगी अभी " अब मैं मन ही मन खुश हुआ की यार आज
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