एक बार मैं अकेले घर पर था, उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। मैं सेक्सी बुक देख रहा था, मेरा लंड खड़ा था मेरे घर का दरवाजा खुला था।
तभी पड़ोस में रहने वाली भाभी जी
अन्दर आ गयीं और मुझे लगा कि कोई आ रहा है। मैंने शीशे में देख लिया कि भाभी खड़ी
मुझे देख रही थी। मैने अपना मोटा लाल और चिकना लंड अपने हाथ में पकड़ रखा था। मैने
कुछ नहीं पहना था, एक दम नंगा था।
भाभी बहुत ध्यान से देख रही थी।
मैंने लंड को और ऊपर कर दिया अब भाभी को मेरा लम्बा लंड साफ़ दिख रहा था, वो मस्त हो रही थी। बहुत देर देखने के बाद भाभी ने आगे आकर मुझे
पीछे से पकड़ लिया। मैं खड़ा हो गया। मेरा लंड भाभी के पेट में गड़ने लगा। तभी वो देख
कर बोली कि कितना सेक्सी है तुम्हारा लण्ड ! और झट से पकड़ लिया। वो बोली तुम्हारा
तो तुम्हारे भाई से भी मोटा है ! तुम भी प्यासे हो और मैं भी, चलो दोनो की प्यास बुझ जायेगी. तुम्हारे भाई का तो ठीक से खड़ा भी
नही होता, और खड़ा भी होता है तो जल्दी ही झड़
जाता है।
इतना सुनते ही मैंने भाभी को पकड़
लिया और उन्हें बेड पे लिटा दिया. तभी भाभी ने कहा अभी दिन में कोई आ जाएगा, मैं रात में आ जाऊंगी तब जी भर के एक दूसरे को चोदेंगे।
लेकिन मैं नहीं माना क्योंकि मैं तो
पहले ही गरम हो रखा था। मेरे ज्यादा जोर देने के बाद भाभी मान गई और बोली- जाके
दरवाजा बंद कर दो और जल्दी से अपना पूरा कर लो. मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और
भाभी के पास आ गया. मैं उन के कपड़े उतारने लगा तो भाभी ने मना कर दिया की सारे
कपड़े मत उतारो कोई आ जाएगा।
फ़िर मैंने भाभी की साड़ी ऊपर कर दी
और उन की पेंटी उतार दी। उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और बहुत प्यार
से उसे चूसने लगी. २ मिनट चूसने के बाद भाभी बोली कि जल्दी से कर ले, मेरे को घर जाना है। भाभी की सास बहुत ही शक्की है. वो उन को हमारे
घर के सिवा कहीं नहीं जाने देती और अगर हमारे घर पे भी ज्यादा टाइम हो जाए तो वह
भी ये देखने आ जाती है कि क्या कर रही है। हमें बहुत देर हो गई थी इस लिए भाभी
थोड़ा डर रही थी।
मैंने अपना लण्ड भाभी की चूत के छेद
पे रख के एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया. अंदर जाते ही भाभी ने अपनी आँखे ऐसे
बंद की जैसे उनको दर्द हुआ हो. भाभी की चूत ज्यादा टाईट नहीं थी और न ही ज्यादा
ढीली थी। मेरा लण्ड ९ इंच लंबा और ३ इंच मोटा है। भाभी को एक लड़का भी है शायद
इसीलिए उन को मेरा लण्ड लेने में ज्यादा तकलीफ नहीं हो रही थी. १० मिनिट बाद भाभी
ने मुझे जोर से पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद बोली कितनी देर में होगा तुम्हारा ! मेरा
तो हो गया है, अगर मेरी सास आ गई तो मैं मारी
जाऊँगी.
मैंने कहा कि अभी तो पता नहीं कितनी
देर और लगेगी क्योंकि मेरा लण्ड तुम्हारे अंदर बड़े आराम से जा रहा है और मैंने ३०
मिनिट पहले ही मुठी मारी थी. इसलिए टाइम लगेगा।तो वो कहने लगी कि मेरे को छोड़ दो, मैं तुम्हारा बाद में करवा दूंगी।
मैं नहीं माना कि नहीं अभी करवाना
है। तो वो कुछ नही बोली और मेरी तरफ़ बड़े प्यार से देखने लगी. ५ मिनिट बाद वो
दुबारा झड़ गई और फ़िर से मुझ से पूछा कि और कितनी देर तो मैंने कहा अभी टाइम
लगेगा. तो वो डरते हुए बोली कि तू आज मेरे को मरवाएगा. तो मैंने कहा कि एक रास्ता
है जल्दी करने का. तो वो बोली क्या है?
तो मैंने कहा कि बता के नहीं कर के
दिखाता हूं। तो वो बोली जल्दी कर के ख़तम कर. तो मैंने भाभी की चूत से अपना मोटा
लण्ड निकाला और उन की गांड के छेद पे रख दिया तो एक दम बोली यहाँ क्या कर रहा है
यहाँ थोड़े ही करते हैं और तेरे भाई ने तो आज तक यहाँ नहीं किया और न ही मैंने करने
दिया. मैंने कहा कि यहाँ करने से ही मेरा जल्दी पूरा होगा नहीं तो पता नहीं कितना
टाइम लग जाएगा।
फ़िर वो चुप हो गई जैसे ही मैंने
अपना लण्ड उन की गांड पे लगाया वो बोली कि दर्द होगा, तो मैंने कहा कि बस एक बार होगा. पहली बार चूत में डलवाया था तब भी
तो हुआ होगा. इसे भी सह लेना मेरे लिए और वो चुप हो गई.
भाभी की चूत के रस से गांड चिकनी हो
गई थी इसलिए आयल की जरुरत ही नहीं पड़ी. फ़िर मैंने अपना लण्ड उन की गांड के छेद पे
रखा तो उन्होंने लम्बी साँस ली और मैंने एक जोरदार धक्के से मेरा लण्ड का सुपाड़ा
उन की गांड में घुसा दिया। वो कहने लगी कि बाहर निकालो, दर्द हो रहा है। तो मैंने उनको कहा कि थोड़ा दर्द सहन कर लो, बाद में सब ठीक हो जाएगा। फ़िर एक और धक्का मारा और मेरा लण्ड आधा
भाभी की गांड में चला गया। वो और जोर से चिल्लाई। मैंने उसका ध्यान न देते हुए एक
और धक्के के साथ अपना पूरा लण्ड उनकी गांड में अंदर तक डाल दिया और फ़िर मैं थोडी
देर रुका रहा।
थोडी देर बाद मैंने धक्के लगाने
शुरू कर दिए। भाभी रो रही थी और कह रही थी कि बाहर निकालो। २० मिनिट बाद मैं भाभी
की गांड में झड़ गया. फ़िर मैं भाभी के उपर ही लेट गया। ५ मिनिट बाद भाभी ने मुझे
उठने को कहा और बाथरूम में जा कर अपनी गाण्ड और चूत को धोया. मैं भी वहाँ पर आ गया
और भाभी ने बड़े ही प्यार से मेरा लण्ड भी धोया। फ़िर मैंने कपड़े पहने और जाकर
दरवाजा खोल कर अंदर आ गया।तभी भाभी की सास भी आ गई कि इतनी देर से क्या कर रही है।
उस दिन तो बाल बाल बच गए। तब भाभी वहाँ से चली गई यह कह के कि मैं रात में १० बजे
आऊँगी और रात में गांड नहीं मारने दूंगी बहुत दुःख रही है। मैं भी मुस्करा दिया और
वो चली गई.
मैं बेसब्री से रात का इंतजार करने लगा. भाभी ठीक १०
बजे मेरे पास आ गई और हमने सुबह ५ बजे तक मजे किए।
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