फिर
मैंने 1 हाथ से
दीदी की ब्रा के कप को नीचे कर दिया और उनका 1 बोबा
पूरा नंगा हो गया मैंने उस नंगे बोबे पे अपना हाथ फेरा कितना नरम और कोमल था वो
बिलकुल मुलायम मुलायम मैंने दीदी के निप्पल को अपनी उंगलियों से घुमाया उनका
निप्पल बहुत छोटा था और बिलकुल टाइट खड़ा था मैंने उनके खड़े निप्पल को अपनी ऊँगली
से गोल 2 घुमाया
उसे खींचा तो दीदी के मुह से धीरे से स्स्स्स आह सिसकरी निकल गयी मेरी इच्छा तो हो
रही थी की दीदी के बोबे को अपने मुह मे लेके चुसू उनके निप्पल को चूस 2 कर
उनका सारा रस पी जाऊं लेकिन मैं एसा कर नहीं सकता था फिर मैंने अपना हाथ दीदी के
कुर्ते मैं से निकाला जैसे ही मैंने अपना हाथ दीदी के कुर्ते मैं से निकाला
उन्होंने अपना हाथ अपने कुर्ते मैं डाल लिया अपनी ब्रा के कप को वापस ऊपर करने के
लिए फिर मैंने दीदी की जांघ के अंदर की तरफ अपना हाथ फेरा दीदी की सांसें बहुत तेज
चल रही थी उन्होंने कांपती आवाज मैं पुछा " मम्मी टोर्च नहीं मिली क्या आपको
अभी तक " मम्मी ने कहा " नहीं ढून्ढ रही हु " मेरा हाथ दीदी की
दोनों जांघो के बीच में था अब मैंने अपना हाथ दीदी की चूत पे रखा दीदी ने अपने मुह
पे हाथ रख लिया उनकी सांसें बहुत तेज़ चल रही थी उसकी आवाज को बंद करने के लिए
मैंने अपने हाथ को दीदी की चूत मैं थोडा और नीचे की तरफ फेरा तब मुझे पता पड़ा की
दीदी की पटियाला सलवार बहुत गीली हो चुकी थी मुझे समझ आ गया था की दीदी भी गरम हो
चुकी है मैंने अपना हाथ उनकी पूरी चूत पे फेरा और अपनी हथेली को दीदी की पूरी चूत
पे ऊपर नीचे फेरने लगा दीदी की प्यारी कोमल चूत को सहलाने लगा दीदी की चूत की
स्किन बहुत नरम और गीली थी मैंने कभी सोचा भी नहीं था की इतनी जल्दी मैं अपनी दीदी
की चूत को सहला पाउँगा
मैं जल्दी 2 उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा और अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली उनकी चूत के अंदर ऊपर नीचे फेरने लगा दीदी ने अपने हाथ से मेरी जांघ को बहुत टाइट भींच लिया उनके नाखून मेरी जांघ पे चुभ रहे थे मै और ज्यादा उत्तेजित हो गया मैं अपनी ऊँगली दीदी की चूत के होल पे घुमाने लगा और तभी दीदी का बहुत सारा चूत का पानी बह निकला मुझे समझ आ गया था की दीदी झर गयी हैं वो बहुत लम्बी 2 साँसे ले रही थी इतने मैं दीदी ने कांपती आवाज में मेरे कान मैं बोल " सोननननू तू यह्ह्ह्हीइ रहनानाना कही जानानानाना मत " मैंने दीदी की चूत मैं अपनी ऊँगली फेरते हुए बोला " हाँ दीदी नहीं जाऊंगा लेकिन अँधेरे में मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा "डर मत मैं यही बैठी हु तेरे पास" फिर मैंने वापस दीदी के कुर्ते मैं हाथ डाला और उनके दोनों ब्रा के कप्स को 1-1 करके नीचे कर दिया उनके दोनों बोबे नंगे हो गए थे उनके कुर्ते में मैंने दीदी के दोनों नंगे बोबो को दबाया उन्हें मसला उनके निप्पल्स पे अपनी उँगलियाँ फिराई उनके निप्पल्स को खींचा उनके दोनों निप्पल्स खड़े हो गए थे और बिलकुल टाइट थे मै उनके नंगे बोबे के मजे ले रहा था इतने मे मम्मी की आवाज आयी " अरे !बाकी सबकी लाइट तो आ रही है " मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी दीदी वहां से उठी और जाने लगी मैं साइड पोज़ से उनके बोबे देख रहा था कितने मोटे बोबे थे दीदी के मैंने देखा उनके चेहरे पे अजीब से expressions थे शायद आज जो कुछ भी हुआ उनके साथ वो उसी के बारे मैं सोच रही थी
दीदी बाथरूम मैं चली गयी मुझे पता था की दीदी बाथरूम मैं क्यों गयी है शायद ये देखने की आज उनकी चूत ने क्या गुल खिलाये है दीदी के बदन के अँधेरे मैं इतने मजे लेने के बाद मेरा भी हालत ख़राब हो चुकी थी मैं भी टॉयलेट में गया और अपना खड़ा लंड बहार निकल कर उसे सहलाने लगा आँखें बंद करके और जो कुछ भी आज हुआ उसके बारे मैं सोचने लगा की मैंने दीदी के आज कैसे मजे लिए उनके बोबे दबाये उनकी चूत मसली आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के नाजुक जिस्म को छुहा था कितना कोमल बदन था मैं सोचने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे मुझे तो वो छोटे 2 से लग रहे थे जब मैं उनपे अपनी ऊँगली फेर रहा था मैं कल्पना करने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे शायद ऐसे होंगे
इतने में मैं झर गया टॉयलेट से बहार आके मैं वापस आया तो दिनेश अंकल वही बैठे हुए थे दीदी अभी तक नहीं आई थी मैं सोच रहा था दीदी अंदर अपने कपडे चेंज कर रही होगी आखिर मैंने आज उन्हें इतने मजे दिए थे की उनकी सलवार गीली हो गयी थी सामने से और पेंटी के तो ना जाने क्या हाल होंगे अंदर से थोड़ी देर बाद दीदी आयी उन्होंने अपने कपडे चेंज कर लिए थे शायद दीदी नहा ली थी इसलिए उन्होंने अपने सारे कपडे ही चेंज कर लिए थे दीदी ने नहा कर पिंक कलर का स्लीवलेस टॉप और जीन्स की शोर्ट कैपरी पेहेन ली थी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी
फिर दीदी आई और जिसे ही दिनेश अंकल दीदी से कुछ बोलने वाले थे दीदी ने उनसे कहा की "अंकल आज आपने जो भी किया अच्छा नहीं किया " अंकल ने कहा "बेटी मैंने क्या किया ?" दीदी ने कहा "अंकल मुझे कुछ नहीं सुन्ना आज के बाद आप प्लीज घर मत आईएगा नहीं तो मैं पापा और मम्मी को सब कुछ बता दूंगी जो भी आपने किया " अंकल चले गए मैं अंदर से खुश हो रहा था की मजे मैंने लिए और लंका दिनेश की लग गयी रात को हम सब साथ मैं खाना खा रहे थे तभी मम्मी ने दीदी से कहा "प्रीती कल बुआ जी की लड़की की शादी का लेडीज संगीत है तो तू भी चलना मेरे साथ कल स्कूल मत जाना " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी लेकिन मैं कल पहनू क्या जीन्स टॉप या सूट " मम्मी ने कहा "अरे ये सब तो तू हमेशा ही पहनती है कल तू मेरी साडीयों मैं से कोई अपनी पसंद की साडी देख लेना और जिसका भी ब्लाउज तुझे फिट आ जाये वो पेहेन लेना " दीदी ने कहा " ठीक है मम्मी " अब मेरे दिमाग मैं यही बात घुमने लगी की दीदी साडी में कितनी सेक्सी लंगेगी कल तो दीदी को नंगी देखूंगा ही आज दीदी के बोबे दबा के उनकी चूत पे अपना हाथ फेर के ऊँगली करके मजा तो बहुत आया था लेकिन मैंने अभी तक दीदी को पूरी नंगी नहीं देखा था और मैं अपनी दीदी को नंगी देखने के लिए बहुत उत्साहित था जिस दीदी के पूरे बदन के मैंने मजे लिए थे वो बिना कपड़ो के दिखता केसा है ये मुझे नहीं पता था इसलिए मैंने decide की अब तो दीदी को साडी उतारते हुए ही देखूंगा रात को खाना खाके पापा सोने चले गए और मैं बेड पर बैठा 2 टीवी देख रहा था मम्मी और दीदी भी उसी बेड पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे दीदी ने खाना खाना के बाद लोअर और ब्लैक कलर का स्लीवलेस टॉप पेहेन लिया था मम्मी से बातें करते हुए दीदी थोडा सा लेट गयी और मुझे उनके टॉप के गले मैं से उनकी ब्रा और बोबो की झलक मिली
मैं जल्दी 2 उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा और अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली उनकी चूत के अंदर ऊपर नीचे फेरने लगा दीदी ने अपने हाथ से मेरी जांघ को बहुत टाइट भींच लिया उनके नाखून मेरी जांघ पे चुभ रहे थे मै और ज्यादा उत्तेजित हो गया मैं अपनी ऊँगली दीदी की चूत के होल पे घुमाने लगा और तभी दीदी का बहुत सारा चूत का पानी बह निकला मुझे समझ आ गया था की दीदी झर गयी हैं वो बहुत लम्बी 2 साँसे ले रही थी इतने मैं दीदी ने कांपती आवाज में मेरे कान मैं बोल " सोननननू तू यह्ह्ह्हीइ रहनानाना कही जानानानाना मत " मैंने दीदी की चूत मैं अपनी ऊँगली फेरते हुए बोला " हाँ दीदी नहीं जाऊंगा लेकिन अँधेरे में मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा "डर मत मैं यही बैठी हु तेरे पास" फिर मैंने वापस दीदी के कुर्ते मैं हाथ डाला और उनके दोनों ब्रा के कप्स को 1-1 करके नीचे कर दिया उनके दोनों बोबे नंगे हो गए थे उनके कुर्ते में मैंने दीदी के दोनों नंगे बोबो को दबाया उन्हें मसला उनके निप्पल्स पे अपनी उँगलियाँ फिराई उनके निप्पल्स को खींचा उनके दोनों निप्पल्स खड़े हो गए थे और बिलकुल टाइट थे मै उनके नंगे बोबे के मजे ले रहा था इतने मे मम्मी की आवाज आयी " अरे !बाकी सबकी लाइट तो आ रही है " मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी मैंने फटाफट दीदी के कुर्ते मे से अपना हाथ निकाल लिया दीदी ने अपनी ब्रा ठीक की मैंने मम्मी के आने से पहले जल्दी से वापस उनकी चूत मे अपनी ऊँगली फेरने लगा दीदी की पूरी सलवार सामने से गीली हो चुकी थी आज मैं बहुत खुश था की मेरी प्यारी दीदी मेरी ऊँगली से झरी थी तभी टोर्च की लाइट जली मैंने अपना हाथ जल्दी से बहार निकाला और हलकी से लाइट मे मैंने देखा दीदी की आँखें बंद थी इतने मैं लाइट आ गयी मैंने दीदी की आँखों को देखा वो पूरी लाल हो चुकी थी लेकिन उनके चेहरे से पता पड़ रहा था की वो पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी दीदी वहां से उठी और जाने लगी मैं साइड पोज़ से उनके बोबे देख रहा था कितने मोटे बोबे थे दीदी के मैंने देखा उनके चेहरे पे अजीब से expressions थे शायद आज जो कुछ भी हुआ उनके साथ वो उसी के बारे मैं सोच रही थी
दीदी बाथरूम मैं चली गयी मुझे पता था की दीदी बाथरूम मैं क्यों गयी है शायद ये देखने की आज उनकी चूत ने क्या गुल खिलाये है दीदी के बदन के अँधेरे मैं इतने मजे लेने के बाद मेरा भी हालत ख़राब हो चुकी थी मैं भी टॉयलेट में गया और अपना खड़ा लंड बहार निकल कर उसे सहलाने लगा आँखें बंद करके और जो कुछ भी आज हुआ उसके बारे मैं सोचने लगा की मैंने दीदी के आज कैसे मजे लिए उनके बोबे दबाये उनकी चूत मसली आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के नाजुक जिस्म को छुहा था कितना कोमल बदन था मैं सोचने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे मुझे तो वो छोटे 2 से लग रहे थे जब मैं उनपे अपनी ऊँगली फेर रहा था मैं कल्पना करने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे शायद ऐसे होंगे
इतने में मैं झर गया टॉयलेट से बहार आके मैं वापस आया तो दिनेश अंकल वही बैठे हुए थे दीदी अभी तक नहीं आई थी मैं सोच रहा था दीदी अंदर अपने कपडे चेंज कर रही होगी आखिर मैंने आज उन्हें इतने मजे दिए थे की उनकी सलवार गीली हो गयी थी सामने से और पेंटी के तो ना जाने क्या हाल होंगे अंदर से थोड़ी देर बाद दीदी आयी उन्होंने अपने कपडे चेंज कर लिए थे शायद दीदी नहा ली थी इसलिए उन्होंने अपने सारे कपडे ही चेंज कर लिए थे दीदी ने नहा कर पिंक कलर का स्लीवलेस टॉप और जीन्स की शोर्ट कैपरी पेहेन ली थी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी
फिर दीदी आई और जिसे ही दिनेश अंकल दीदी से कुछ बोलने वाले थे दीदी ने उनसे कहा की "अंकल आज आपने जो भी किया अच्छा नहीं किया " अंकल ने कहा "बेटी मैंने क्या किया ?" दीदी ने कहा "अंकल मुझे कुछ नहीं सुन्ना आज के बाद आप प्लीज घर मत आईएगा नहीं तो मैं पापा और मम्मी को सब कुछ बता दूंगी जो भी आपने किया " अंकल चले गए मैं अंदर से खुश हो रहा था की मजे मैंने लिए और लंका दिनेश की लग गयी रात को हम सब साथ मैं खाना खा रहे थे तभी मम्मी ने दीदी से कहा "प्रीती कल बुआ जी की लड़की की शादी का लेडीज संगीत है तो तू भी चलना मेरे साथ कल स्कूल मत जाना " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी लेकिन मैं कल पहनू क्या जीन्स टॉप या सूट " मम्मी ने कहा "अरे ये सब तो तू हमेशा ही पहनती है कल तू मेरी साडीयों मैं से कोई अपनी पसंद की साडी देख लेना और जिसका भी ब्लाउज तुझे फिट आ जाये वो पेहेन लेना " दीदी ने कहा " ठीक है मम्मी " अब मेरे दिमाग मैं यही बात घुमने लगी की दीदी साडी में कितनी सेक्सी लंगेगी कल तो दीदी को नंगी देखूंगा ही आज दीदी के बोबे दबा के उनकी चूत पे अपना हाथ फेर के ऊँगली करके मजा तो बहुत आया था लेकिन मैंने अभी तक दीदी को पूरी नंगी नहीं देखा था और मैं अपनी दीदी को नंगी देखने के लिए बहुत उत्साहित था जिस दीदी के पूरे बदन के मैंने मजे लिए थे वो बिना कपड़ो के दिखता केसा है ये मुझे नहीं पता था इसलिए मैंने decide की अब तो दीदी को साडी उतारते हुए ही देखूंगा रात को खाना खाके पापा सोने चले गए और मैं बेड पर बैठा 2 टीवी देख रहा था मम्मी और दीदी भी उसी बेड पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे दीदी ने खाना खाना के बाद लोअर और ब्लैक कलर का स्लीवलेस टॉप पेहेन लिया था मम्मी से बातें करते हुए दीदी थोडा सा लेट गयी और मुझे उनके टॉप के गले मैं से उनकी ब्रा और बोबो की झलक मिली
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