मैं और अपूर्वा उपर आ गये। (मेरा रूम दूसरी मंजिल पर है) ग्राउंड फलोर पर पार्किंग
है, फर्स्ट
फलोर पर मकान मालिक रहते हैं, और दूसरी
मंजिल पर मैं रहता हूं।
उपर आकर मैंने लॉक खोला और अंदर आ गया। मैंने पीछे देखा तो अपूर्वा नहीं थी। मैं वापिस बाहर आया तो अपूर्वा मुंडेर के पास खड़ी होकर आसपास के घरों को देख रही थी। मौसम बहुत ही सुहावना हो रखा था। मंद मंद शीतल हवा चल रही थी।
मैं: अरे अंदर आओ ना, वहीं क्यों रूक गई।
अपूर्वाः हां, वो देख रही थी कि कैसी कॉलोनी में रहते हो। यहां तो चारों तरफ लड़किया ही दिखाई दे रही हैं छतों पर, लड़के तो कम ही हैं।
मैं: क्यों किसी के साथ सैटिंग करनी है क्या, साइड वाले घर में ही दो लड़के रहते हैं। शायद अभी गांव गये हुए होंगे।
अपूर्वा: बकवास ना करो। मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी।
मैं वापिस अंदर आ गया और चाय बनाने लगा। अपूर्वा भी मेरे पीछे-पीछे अंदर आ गई और रसोई में मेरे पास आकर खड़ी हो गई।
मैंने चाय में दूध डाला तो चाय फट गई। शायद दूध खराब हो गया था, सुबह गर्म करना भूल गया था।
अपूर्वा (मेरी तरफ देखते हुए): मुझे नींद आ रही है, चाय पिलाओ।
मैं: हूं, मजाक बना रही हो, अभी आंटी से दूध लेकर आता हूं। और मैं नीचे आंटी से दूध लेने चल दिया।
आंटी अभी भी नीचे खड़ी पड़ोस वाली आंटी से बात कर रही थी तो मैंने फर्स्ट फलोर से ही उनको आवाज लगाई और दूध के लिए कहा।
आंटी: अभी आती हूं बेटा। और पड़ोस वाली आंटी को 2 मिनट में आने के लिए कहकर उपर आ गई।
मैं आंटी से दूध लेकर वापस उपर आ गया।
(आंटी के घर में आंटी और उनकी दो बेटियां ही हैं अंकल 5 साल पहले एक्सिडेंट में गुजर गये थे। दोनों बेटियां बड़े वाली बेटी जिसका नाम रीत है अमेरिका में अपनी पढ़ाई कर रही है। मैंने वो कभी नहीं देखी है, बस फोटो ही देखी है, फोटो में तो बहुत खूबसूरत दिखती है और दूसरी बेटी सोनल आंटी के साथ ही रहती है, वो एमटेक कर रही है। सुबह 8 बजे निकलती है तो शाम को 7 बजे ही घर आती है। पता नहीं पूरे दिन बाहर क्या करती रहती है। वैसे वो भी बला की खूबसूरत है, पर मेरी और उसकी मुलाकात कभी-कभी ही होती है)
अपूर्वा: वाह जी! आपकी आंटी तो बहुत अच्छी है। तुरंत दूध दे दिया।
मैं: और क्या! मैं तो जब कभी खाना बनाने का मूड नहीं होता तो खाना भी आंटी के यहीं पर खा लेता हूं।
अपूर्वा: इम्प्रैस होते हुए, वाह जी। आजकल ऐसे मकान मालिक मुश्किल से ही मिलते हैं।
मैंने चाय बनाई और दो प्यालियों में डालकर एक अपूर्वा को दी और दूसरी खुद ले ली। एक कटोरी में मां के बनाये हुए लड्डू डाल कर अपूर्वा को खाने के लिए।
अपूर्वा: ये क्या है?
मैं: लड्डू।
अपूर्वा: मैं नहीं खाती, बहुत ज्यादा घी होता है इनमें।
मैं: अरे खा ले खा ले शरमा मत। मम्मी ने बनाये हुए हैं, बहुत स्वादिष्ट हैं।
और एक लड्डू मैंने उठा लिया और अपूर्वा ने भी एक लड्उू ले लिया।
चाय पीकर अपूर्वा कहने लगी, अब मैं चलती हूं नहीं तो देर हो जायेगी, और मम्मी की डांट खानी पड़ेगी।
मैं: ओके, चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं।
अपूर्वा: हां! और फिर मैं तुम्हें छोड़ने आ जाउंगी, फिर तुम मुझे छोड़ने चलना। ऐसे ही सुबह हो जायेगी और फिर साथ में ही ऑफिस के लिए निकल पडेंगे।
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कराने लगा।
अपूर्वा: ठीक है, अब चलती हूं। ओह माई गोड साढे छः हो गए। आज तो जरूरी मम्मी की डांट खानी पड़ेगी।
मैं अपूर्वा को नीचे तक छोड़ने के लिए आया। अपूर्वा ने अपनी स्कूटी निकाली और बायें बोलकर चली गई। आंटी अभी भी बाहर ही खड़ी हुई थी। पड़ोस वाली आंटी चली गई थी।
आंटी: कौन थी ये बेटा?
मैं: आंटी वो अपूर्वा है, मेरे साथ ही काम करती है, कम्पनी में, वो आज जब ऑफिस से निकले तो मेरी बाईक में पंक्चर हो गया, तो मुझे छोड़ने के लिए आई थी।
आंटीः बेटा! अच्छी लड़की है, नहीं तो आजकल कौन किसकी परवाह करता है, और वो भी लड़की। लगता है वो तुझे पसंद करती है।
मैं: अरे नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है, बस हम अच्छे दोस्त हैं तो, इसीलिए।
आंटी: अच्छे दोस्त। हां वो तो पता चल रहा था जिस तरह से वो बैठी थी तेरे पीछे।
आंटी की बात सुनकर मैं शरमा गया और अपना चेहरा नीचे कर लिया।
तभी सोनल अपनी स्कूटी को फरफराती हुई आ गई और गेट के पास आकर हॉर्न देने लगी।
आंटी: कितनी बार कहा है तुझसे, आराम से चला लिया कर। कभी कुछ हो गया ना।
सोनल: मॉम, दरवाजा तो खोलो। आते ही शुरू हो गये।
आंटी: हां खोलती हूं। कुछ कहो भी नहीं इनको तो। एक तो इतनी तेज स्कूटी चलाती है।
सोनल: हाय, समीर कैसे हो?
मैं: झक्कास, आज इतनी जल्दी कैसे आना हो गया?
सोनल: बस, ऐसे ही सोचा आज समीर जी से थोड़े गप्पे लड़ा लूंगी तो जल्दी आ गई।
मैं: अच्छा जी! ते चलो जल्दी से उपर आ जाओ।
आंटी: अब इस फटफटी को अंदर भी करेगी या बाहर ही फर फर करती रहेगी।
सोनल: करती हूं ना! बिगड़ती क्यो हों।
और सोनल ने अपनी स्कूटी अंदर खड़ी कर दी।
बाहर गली में सब्जी वाला आया था, तो मैं जाकर उससे सब्जी लेने लग गया।
सब्जी लेकर मैं उपर आ गया, सोनल पहले से ही उपर पहुंची हुई थी और मुंडेर के पास खड़ी होकर पड़ोस वाले घर में छत पर खड़ी अपनी सहेली से बात कर रही थी।
मैं भी सब्जी अंदर रसोई में रखकर बाहर आ गया।
मैं: क्या बात हो रही, लड़कियों में।
सोनल: आपके लिए नहीं है, हमारी आपस की बात है।
मैं: ओह! गर्ल्स टू गर्ल्स। लगता है बॉयफ्रेंड के बारे में बातें हो रही हैं।
सोनल: बकवास नहीं। मैं बॉयफ्रेंड वगैरह के चक्कर में नहीं पड़ती।
उपर आकर मैंने लॉक खोला और अंदर आ गया। मैंने पीछे देखा तो अपूर्वा नहीं थी। मैं वापिस बाहर आया तो अपूर्वा मुंडेर के पास खड़ी होकर आसपास के घरों को देख रही थी। मौसम बहुत ही सुहावना हो रखा था। मंद मंद शीतल हवा चल रही थी।
मैं: अरे अंदर आओ ना, वहीं क्यों रूक गई।
अपूर्वाः हां, वो देख रही थी कि कैसी कॉलोनी में रहते हो। यहां तो चारों तरफ लड़किया ही दिखाई दे रही हैं छतों पर, लड़के तो कम ही हैं।
मैं: क्यों किसी के साथ सैटिंग करनी है क्या, साइड वाले घर में ही दो लड़के रहते हैं। शायद अभी गांव गये हुए होंगे।
अपूर्वा: बकवास ना करो। मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी।
मैं वापिस अंदर आ गया और चाय बनाने लगा। अपूर्वा भी मेरे पीछे-पीछे अंदर आ गई और रसोई में मेरे पास आकर खड़ी हो गई।
मैंने चाय में दूध डाला तो चाय फट गई। शायद दूध खराब हो गया था, सुबह गर्म करना भूल गया था।
अपूर्वा (मेरी तरफ देखते हुए): मुझे नींद आ रही है, चाय पिलाओ।
मैं: हूं, मजाक बना रही हो, अभी आंटी से दूध लेकर आता हूं। और मैं नीचे आंटी से दूध लेने चल दिया।
आंटी अभी भी नीचे खड़ी पड़ोस वाली आंटी से बात कर रही थी तो मैंने फर्स्ट फलोर से ही उनको आवाज लगाई और दूध के लिए कहा।
आंटी: अभी आती हूं बेटा। और पड़ोस वाली आंटी को 2 मिनट में आने के लिए कहकर उपर आ गई।
मैं आंटी से दूध लेकर वापस उपर आ गया।
(आंटी के घर में आंटी और उनकी दो बेटियां ही हैं अंकल 5 साल पहले एक्सिडेंट में गुजर गये थे। दोनों बेटियां बड़े वाली बेटी जिसका नाम रीत है अमेरिका में अपनी पढ़ाई कर रही है। मैंने वो कभी नहीं देखी है, बस फोटो ही देखी है, फोटो में तो बहुत खूबसूरत दिखती है और दूसरी बेटी सोनल आंटी के साथ ही रहती है, वो एमटेक कर रही है। सुबह 8 बजे निकलती है तो शाम को 7 बजे ही घर आती है। पता नहीं पूरे दिन बाहर क्या करती रहती है। वैसे वो भी बला की खूबसूरत है, पर मेरी और उसकी मुलाकात कभी-कभी ही होती है)
अपूर्वा: वाह जी! आपकी आंटी तो बहुत अच्छी है। तुरंत दूध दे दिया।
मैं: और क्या! मैं तो जब कभी खाना बनाने का मूड नहीं होता तो खाना भी आंटी के यहीं पर खा लेता हूं।
अपूर्वा: इम्प्रैस होते हुए, वाह जी। आजकल ऐसे मकान मालिक मुश्किल से ही मिलते हैं।
मैंने चाय बनाई और दो प्यालियों में डालकर एक अपूर्वा को दी और दूसरी खुद ले ली। एक कटोरी में मां के बनाये हुए लड्डू डाल कर अपूर्वा को खाने के लिए।
अपूर्वा: ये क्या है?
मैं: लड्डू।
अपूर्वा: मैं नहीं खाती, बहुत ज्यादा घी होता है इनमें।
मैं: अरे खा ले खा ले शरमा मत। मम्मी ने बनाये हुए हैं, बहुत स्वादिष्ट हैं।
और एक लड्डू मैंने उठा लिया और अपूर्वा ने भी एक लड्उू ले लिया।
चाय पीकर अपूर्वा कहने लगी, अब मैं चलती हूं नहीं तो देर हो जायेगी, और मम्मी की डांट खानी पड़ेगी।
मैं: ओके, चलो मैं तुम्हें छोड़ देता हूं।
अपूर्वा: हां! और फिर मैं तुम्हें छोड़ने आ जाउंगी, फिर तुम मुझे छोड़ने चलना। ऐसे ही सुबह हो जायेगी और फिर साथ में ही ऑफिस के लिए निकल पडेंगे।
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कराने लगा।
अपूर्वा: ठीक है, अब चलती हूं। ओह माई गोड साढे छः हो गए। आज तो जरूरी मम्मी की डांट खानी पड़ेगी।
मैं अपूर्वा को नीचे तक छोड़ने के लिए आया। अपूर्वा ने अपनी स्कूटी निकाली और बायें बोलकर चली गई। आंटी अभी भी बाहर ही खड़ी हुई थी। पड़ोस वाली आंटी चली गई थी।
आंटी: कौन थी ये बेटा?
मैं: आंटी वो अपूर्वा है, मेरे साथ ही काम करती है, कम्पनी में, वो आज जब ऑफिस से निकले तो मेरी बाईक में पंक्चर हो गया, तो मुझे छोड़ने के लिए आई थी।
आंटीः बेटा! अच्छी लड़की है, नहीं तो आजकल कौन किसकी परवाह करता है, और वो भी लड़की। लगता है वो तुझे पसंद करती है।
मैं: अरे नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है, बस हम अच्छे दोस्त हैं तो, इसीलिए।
आंटी: अच्छे दोस्त। हां वो तो पता चल रहा था जिस तरह से वो बैठी थी तेरे पीछे।
आंटी की बात सुनकर मैं शरमा गया और अपना चेहरा नीचे कर लिया।
तभी सोनल अपनी स्कूटी को फरफराती हुई आ गई और गेट के पास आकर हॉर्न देने लगी।
आंटी: कितनी बार कहा है तुझसे, आराम से चला लिया कर। कभी कुछ हो गया ना।
सोनल: मॉम, दरवाजा तो खोलो। आते ही शुरू हो गये।
आंटी: हां खोलती हूं। कुछ कहो भी नहीं इनको तो। एक तो इतनी तेज स्कूटी चलाती है।
सोनल: हाय, समीर कैसे हो?
मैं: झक्कास, आज इतनी जल्दी कैसे आना हो गया?
सोनल: बस, ऐसे ही सोचा आज समीर जी से थोड़े गप्पे लड़ा लूंगी तो जल्दी आ गई।
मैं: अच्छा जी! ते चलो जल्दी से उपर आ जाओ।
आंटी: अब इस फटफटी को अंदर भी करेगी या बाहर ही फर फर करती रहेगी।
सोनल: करती हूं ना! बिगड़ती क्यो हों।
और सोनल ने अपनी स्कूटी अंदर खड़ी कर दी।
बाहर गली में सब्जी वाला आया था, तो मैं जाकर उससे सब्जी लेने लग गया।
सब्जी लेकर मैं उपर आ गया, सोनल पहले से ही उपर पहुंची हुई थी और मुंडेर के पास खड़ी होकर पड़ोस वाले घर में छत पर खड़ी अपनी सहेली से बात कर रही थी।
मैं भी सब्जी अंदर रसोई में रखकर बाहर आ गया।
मैं: क्या बात हो रही, लड़कियों में।
सोनल: आपके लिए नहीं है, हमारी आपस की बात है।
मैं: ओह! गर्ल्स टू गर्ल्स। लगता है बॉयफ्रेंड के बारे में बातें हो रही हैं।
सोनल: बकवास नहीं। मैं बॉयफ्रेंड वगैरह के चक्कर में नहीं पड़ती।
मैं: ओके बाबा! तभी मेरा फोन बज उठा, जो अंदर रूम में रखा था।
मैंने अंदर आकर फोन उठाकर देखा तो नया लेंडलाइन का नम्बर था।
मैंने उठाकर हैल्लो कहा तो दूसरी तरफ से किसी लड़की की आवाज आई - हैल्लो।
मैं: हैल्लो जी! कौन बोल रहे हैं आप।
फोन वाली लड़की: वाह जी! क्या बात है, आप तो लगता है भूल गये हमें।
मैं: जी नहीं ऐसी बात नहीं है, आवाज जानी पहचानी तो लग रही है, पर ये नम्बर सेव नहीं है तो इसलिए पता नहीं चल रहा कि कौन हो आप।
फोन वाली लड़की (मेरे मजे लेते हुए): लगता है कोई और मिल गई जो मुझे भूल गये।
मैं (भी मजे लेते हुए): अब वो तो जी ये पता चले कि कौन बोल रहे हैं आप तभी कुछ डिसीजन हो कि कोई और मिल गई या वो कोई और आप ही हो।
फोन वाली लड़की: मैं तो बता नहीं रही कि कौन हो, पहचान सकते हो तो पहचान लो।
मैं: जी वो मैं अनजान लड़कियों से ज्यादा बातचीत नहीं करता तो इसलिए फोन रख रहा हूं।
तभी मुझे फोन में से पीछे से किसी लेडीज की आवाज सुनाई दी - अपूर्वा बेटी, तेरे पापा बुला रहे हैं।
मैं: आप बड़ी जल्दी पहुंच गये घर पर।
अपूर्वा: हां, मम्मी बोल पड़ी नही ंतो खूब मजे लेती आपके।
मैं: मेरे मजे लेना इतना आसान नहीं है।
अपूर्वा: हां, वो तो पता चल जाता, अगर मम्मी ना बोलती तो।
मैं: अच्छा ये नम्बर किसका है।
अपूर्वा: घर का नम्बर है।
मैं ठीक ही सेव कर लेता हूं, नही ंतो अबकी बार तो कोई और मिल गई का ताना मारा है, अगली बार पता नही क्या ताना मारा जायेगा। वैसे आपको बता दूं कि मुझे अभी कोई और नहीं मिली है। आपका चांस है, मार लो बाजी।
अपूर्वा: बकवास मत करो। वो तो मैं मजे लेने के लिए कह रही थी।
तभी बाहर से सोनल अंदर आते हुए, किससे बात हो रही है छुप छुपके।
अपूर्वा: ये कौन है? तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं: नहीं यार! अपनी ऐसी किस्तम कहां, वो तो मकान मालिक की बेटी है सोनल।
अपूर्वा: फिर तेरे रूम में कया कर रही है?
मैं: बस ऐसे ही आ गई, देखने के लिए कि मैं क्या कर रहा हूं, कोई उलटा सीधा काम तो नहीं कर रहा हूं।
सोनल: कौन है फोन पर जो इतनी पूछताछ हो रही है।
मैं: लो खुद ही बात कर लो। और ये कहकर मैंने फोन सोनल को दे दिया।
सोनल: हैल्लो!
अपूर्वा: हैल्लो! जी मैं अपूर्वा बोल रही हूं।
सोनल: मैं सोनल बोल रही हूं। तुम क्या समीर की गर्लफ्रेंड हो। (चटकारा लेते हुए)
अपूर्वा (शरमाते हुए): नहीं, नहीं, वो हम साथ में काम करते हैं।
सोनल: तो गर्लफ्रेंड साथ में काम नहीं कर सकती क्या?
अपूर्वा: आप भी ना। और सुनाओं आप क्या करती हो।
सोनल: मैं तो एमटेक कर रही हूं, आप क्या काम करती हों।
अपूर्वा: मैं सॉफटवेयर इंजीनियर हूं।
सोनल: वाह! तब तो एक सॉफटवेयर मेरे लिये भी बनाना।
तभी अपूर्वा की मॉम की दोबारा आवाज आई,
अपूर्वा की मॉम: बेटा, तेरे पापा बुला रहे हैं, जल्दी आजा। कितनी देर से इंतजार कर रहे हैं।
अपूर्वाः ओके! मैं बाद में बात करती हूं, पापा बुला रहे हैं।
सोनल: ओके! बाय।
अपूर्वा: बाये।
सोनल (मेरी तरफ देखते हुए): अरे आपके दर पर आई हूं, चाय वगैरह कुछ पूछेंगे या नहीं।मैंने अंदर आकर फोन उठाकर देखा तो नया लेंडलाइन का नम्बर था।
मैंने उठाकर हैल्लो कहा तो दूसरी तरफ से किसी लड़की की आवाज आई - हैल्लो।
मैं: हैल्लो जी! कौन बोल रहे हैं आप।
फोन वाली लड़की: वाह जी! क्या बात है, आप तो लगता है भूल गये हमें।
मैं: जी नहीं ऐसी बात नहीं है, आवाज जानी पहचानी तो लग रही है, पर ये नम्बर सेव नहीं है तो इसलिए पता नहीं चल रहा कि कौन हो आप।
फोन वाली लड़की (मेरे मजे लेते हुए): लगता है कोई और मिल गई जो मुझे भूल गये।
मैं (भी मजे लेते हुए): अब वो तो जी ये पता चले कि कौन बोल रहे हैं आप तभी कुछ डिसीजन हो कि कोई और मिल गई या वो कोई और आप ही हो।
फोन वाली लड़की: मैं तो बता नहीं रही कि कौन हो, पहचान सकते हो तो पहचान लो।
मैं: जी वो मैं अनजान लड़कियों से ज्यादा बातचीत नहीं करता तो इसलिए फोन रख रहा हूं।
तभी मुझे फोन में से पीछे से किसी लेडीज की आवाज सुनाई दी - अपूर्वा बेटी, तेरे पापा बुला रहे हैं।
मैं: आप बड़ी जल्दी पहुंच गये घर पर।
अपूर्वा: हां, मम्मी बोल पड़ी नही ंतो खूब मजे लेती आपके।
मैं: मेरे मजे लेना इतना आसान नहीं है।
अपूर्वा: हां, वो तो पता चल जाता, अगर मम्मी ना बोलती तो।
मैं: अच्छा ये नम्बर किसका है।
अपूर्वा: घर का नम्बर है।
मैं ठीक ही सेव कर लेता हूं, नही ंतो अबकी बार तो कोई और मिल गई का ताना मारा है, अगली बार पता नही क्या ताना मारा जायेगा। वैसे आपको बता दूं कि मुझे अभी कोई और नहीं मिली है। आपका चांस है, मार लो बाजी।
अपूर्वा: बकवास मत करो। वो तो मैं मजे लेने के लिए कह रही थी।
तभी बाहर से सोनल अंदर आते हुए, किससे बात हो रही है छुप छुपके।
अपूर्वा: ये कौन है? तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं: नहीं यार! अपनी ऐसी किस्तम कहां, वो तो मकान मालिक की बेटी है सोनल।
अपूर्वा: फिर तेरे रूम में कया कर रही है?
मैं: बस ऐसे ही आ गई, देखने के लिए कि मैं क्या कर रहा हूं, कोई उलटा सीधा काम तो नहीं कर रहा हूं।
सोनल: कौन है फोन पर जो इतनी पूछताछ हो रही है।
मैं: लो खुद ही बात कर लो। और ये कहकर मैंने फोन सोनल को दे दिया।
सोनल: हैल्लो!
अपूर्वा: हैल्लो! जी मैं अपूर्वा बोल रही हूं।
सोनल: मैं सोनल बोल रही हूं। तुम क्या समीर की गर्लफ्रेंड हो। (चटकारा लेते हुए)
अपूर्वा (शरमाते हुए): नहीं, नहीं, वो हम साथ में काम करते हैं।
सोनल: तो गर्लफ्रेंड साथ में काम नहीं कर सकती क्या?
अपूर्वा: आप भी ना। और सुनाओं आप क्या करती हो।
सोनल: मैं तो एमटेक कर रही हूं, आप क्या काम करती हों।
अपूर्वा: मैं सॉफटवेयर इंजीनियर हूं।
सोनल: वाह! तब तो एक सॉफटवेयर मेरे लिये भी बनाना।
तभी अपूर्वा की मॉम की दोबारा आवाज आई,
अपूर्वा की मॉम: बेटा, तेरे पापा बुला रहे हैं, जल्दी आजा। कितनी देर से इंतजार कर रहे हैं।
अपूर्वाः ओके! मैं बाद में बात करती हूं, पापा बुला रहे हैं।
सोनल: ओके! बाय।
अपूर्वा: बाये।
मैं: चाय! मैं तो सोच रहा था कि आप ही बना कर पिलाओगी, मेरे पास तो दूध है नहीं।
सोनल: तो मैंने कौनसा दूध की फेक्ट्री लगा रखी है।
मैं: लगा तो रखी है, अब प्रॉडक्शन नहीं होता तो वो अलग बात है।
सोनल: क्या मतलब है आपका! मैंने कहा फैक्टरी लगा रखी है?
मैं: लो जी, दो दो फैक्टरियां है, मेमसाब की और इन्हें पता ही नहीं।
सोनल (मेरी कमर में मुक्का मारते हुए): बकवास ना करो! नहीं तो मैं आगे से नहीं आउंगी। ऐसी गंदी गंदी बातें करोगे तो।
मैं: अरे यार, मैंने अब कौनसी गंदी बातें कर दी। अच्छा ठीक है तुम बैठो मैं दूध लेकर आ रहा हूं।
यह कहकर मैं डेयरी पर दूध लेने के लिए आ गया। डेयरी पर जाकर मैंने एक किलो दूध लिया और पैसे देकर आ गया। जब मैं रूम पर पहुंचा तो सोनल बैड पर बैठी थी और उसकी सांसे बहुत तेज चल रही थी और चेहरा एकदम लाल हो रखा था।
मैं: क्या हुआ, परेशान लग रही हो।
find here for sex companion.
ReplyDeleteCall Girls in Dwarka
Call Girl in Munirka
Call Girls in Munirka
Call Girls in Munirka
Call Girls in Munirka
Call Girls in Defence Colony
Call Girls in Defence Colony
Call Girls in Malviya Nagar
Call Girls in Dwarka
Call Girls in Dwarka
Call Girls in Vasant Kunj
Call Girls in Delhi
Call Girls in Dwarka
Call Girls in Mahipalpur
Call girls in Noida
My height give me ultra sexy looks. My vital status are 36 24 36. I m new in Kolkata Escort services. As a independent Kolkata escorts I m enjoying my life fullest. Every time I learn new new things from my client. I am straight forward Kolkata Escort Girl who never disappoint others.
ReplyDeleteKolkata Escorts Service
Escorts Service in Kolkata
Kolkata Call Girls Service
Call Girls in kolkata
Vip Call Girls in Kolkata
Independent VIP Escorts in Kolkata
Cheap Call Girls in Kolkata
High Profile Call Girls in Kolkata
Russian Call Girls in Kolkata
Kolkata Airhostess Call Girl Escorts
Kolkata House Wife Call Girls
Kolkata College Call Girls
College Girls Escorts in Kolkata
ReplyDeleteHigh Class Escorts Service in Kolkata
Kolkata Busty Call Girls
Busty Kolkata Escorts
kolkata Call Girls Service
kolkata High Class Call Girls
Naughty Kolkata Call Girls
Beautiful Call Girls in Kolkata
Nude Model In Kolkata
Kolkata Airhostess Escorts
Kolkata College Girl Escorts
Kolkata Russian Escorts Girls
Russian Call Girls in Kolkata
ReplyDeleteYoung Kolkata Escorts Girls
Kolkata Busty Escorts Girls
Sexy Housewife Escorts in Kolkata
House Wife Call Girls in Kolkata
Kolkata Punjabin Escorts Girls
Kolkata Cheap Escorts Girls
Cheap Rate Escorts in Kolkata
kolkata High Class Escorts Girls
Model Escorts Girls in Kolkata
Kolkata Call Girls Photos
kolkata Spanis Escort Girls
Surat Escorts
ReplyDeleteEscorts in Surat
Surat Call Girls
Independent Surat Escorts
Surat Escorts Agency
Call Girls in Surat
Model Escorts in Surat
Best Casino Sites in Canada | Mapyro
ReplyDelete1. 슬롯 가입 머니 Betway · 2. Betway. · 3. Betway 광주 출장마사지 Casino · 4. Betway Casino. · 5. Betway 세종특별자치 출장마사지 Casino. · 6. 888sport · 군산 출장마사지 7. Cafe 안산 출장안마 Casino.