हमारे
घर मे मैं और मेरी 1 बड़ी बेहेन है .मेरा नाम सोनू है और मेरे दीदी का नाम
प्रीती है बात तब की है जब मैं 10th क्लास मे था और मेरी दीदी 12th क्लास
में थी हम दोनों मैं किसी भी नार्मल भाई बेहेन की तरह प्यार था बचपन से हम साथ थे
मेरे दीदी मेरा बहुत ध्यान रखती थी लेकिन मेरी लाइफ मै 1 दिन
एसा आया की मेरा उसको देखने का ढंग ही बदल गया .जब दीदी 12th मै थी
तो उनका फिगर होगा 34-30-34 लम्बे बाल 5'5 हाइट गोरा
कलर .हम साथ मे ही स्कूल जाते थे।मेरे मन मे उनके लिए कुछ भी गंदे विचार नहीं थे
लेकिन उस 1 दिन ने
सब कुछ बदल दिया।
उस दिन सन्डे था हमारे स्कूल की छुट्टी थी मै और मेरे दीदी साथ ही सोते थे उनके और मेरे बेड के बीच 1 टेबल रखी हुई थी।हा तो उस दिन सन्डे के दिन मम्मी ने मुझे बोला की जा सोनू दीदी को उठा दे 9 बज रहे है मैंने कहा हा मम्मी मैं अपने रूम मे गया तो दीदी सो रही थी गर्मियों के दिन थे तो दीदी रात मे गाउन पेहेन लेती थी
उस दिन सुबह जब मै दीदी को उठाने पहुंचा तो दीदी साइड करवट में सो रही थी और उनका गाउन ऊपर हो गया था मैंने जेसे ही उन्हें उठाने के लिए उनपे से चद्दर हटाई मेने अपनी दीदी के नंगी चिकनी टांग देखी उनका गाउन उनकी thigs तक ऊपर हो गया था और जेसे ही मेने उनकी नंगी गोरी और चिकनी टांग देखी मुझे पता नहीं क्या होगया मेरे लंड मे 1 दम से हरकत हुई न चाहते हुए भी मुझे दीदी के ऊपर उठे गाउन मे से उनकी नंगी चिकने thighs म मजा आ रहा था बिलकुल गोरी साफ़ और चिकनी thigs थी मेरे दीदी की उनकी नंगी गोरी thigs देख के क मुझे पता नहीं क्या हो गया था आज तक मैंने किसी भी लड़की का एसा कुछ नहीं देखा था उस समय मुझे ये तक नही पता था की लड़की होती क्या है बस स्टडी और खेलना ही जानता था 1 दम से आज मैंने वो देखा जिसका मुझे आज तक पता नहीं था दीदी की thigs देखने के बाद मुझे और देखने की इच्छा हुई तो मैंने दीदी के गाउन को बड़े ध्यान से धीरे 2 डरते 2 थोडा सा और ऊपर किया तो मुझे उनके हिप्स की स्टार्टिंग दिखाई दी वो नजारा भी क्या नजारा था दोस्तों मेरे जवान बड़ी बेहेन की पूरी नंगी चिकनी टांग हिप्स तक मेरे सामने थी मुझे एसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था मुझे पता नहीं क्या हो गया था मैंने फिर उनका गाउन ध्यान से थोडा और ऊपर किया अब मुझे उनकी पेंटी नजर आ गई उन्होंने black कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरी दीदी मेरे सामने अपनी पेंटी मे सो रही थी मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था मैंने पहली बार किसी लड़की की पेंटी और हिप्स देखे थे मेरी दीदी के हिप्स देख के मैं पागल हो गया पता नहीं क्या हो गया था मुझे मैं उनकी पेंटी को छूना चाहता था जेसे ही मैंने अपना हाथ अपनी दीदी की thigs पे रखा मम्मी ने आवाज लगा दी "प्रीती क्या हुआ उठी नहीं तू " और मैं वहा से भाग गया मेरा साथ एसा कुछ होगा मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी दीदी के लिए मेरी फीलिंग्स अब बदल चुकी थी उस दिन दीदी उठी ब्रश किया और सबको गुड मोर्निंग कहा और मुझे भी हमेशा की तरह गले लगा के विश किया उस दिन दीदी के गले लगने पर मुझे 1 अजीब सा एहसास हुआ उनकी कोमल स्किन उनके बालो की खुशबु उनके बदन के स्पर्श से आज मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं डाइनिंग टेबल पे बता था जब दीदी में मुझे झुक के गुड मोर्निंग विश किया.
जेसे ही दीदी झुकी तो मेरी नजरे दीदी के कुर्ते के अंदर गयी क्या नजारा था दीदी के कुर्ते के अंदर का उन्होने कुर्ते के अंदर ब्लैक शमीज पेहेन रखी थी और शमीज के अंदर ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा का शेप तो मुझे दिखा लेकिन कलर नही दिखा क्योंकि उनकी शमीज का कलर ब्लैक था लेकिन अंदर क्या शेप बन रहा था उनके झुकने के कारन उनके बोबे थोड़े से लटक भी गए थे क्या बोबे थे मेरी बेहेन के मैंने तो कभी गोर ही नहीं किया था की मेरी दीदी के बोबे इतने मोटे हें.मुझे हग करके वो भी टेबल पर बैठ गए नाश्ता करने के लिए वो न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी लेकिन मेरी नजर तो बार बार उनपे ही जा रही थी वो कुछ भी लेने के लिए हाथ इधर उधर करती तो उनके कुर्ते के गैप मे से मुझे उनकी शमीज और ब्रा की स्ट्रैप्स दिखाई देती जिसे देखने मे मुझे बहुत मजा आ रहा थामैं बार बार दीदी की शमीज और ब्रा के स्ट्रैप्स उनके कुर्ते की साइड के गले मे से देख रहा था उनके अंदर के शरीर की गोरी गोरी कोमल skin देखने मे मुझे बड़ा मजा आ रहा था नाश्ता करते हुए मै किसी न किसी बहाने से दीदी का हाथ टच कर रहा था मैंने सोचा की अब और कुछ ज्यादा केसे मजे लिए जाये तभी दीदी ने मुझसे बोल "अरे सोनू मुझे सॉस की बोतल लाके देना किचन मे से " मै खड़ा हुआ और दीदी को सॉस की बोतल लाके दी और पीछे से दीदी के गले मै हाथ दाल के खड़ा हो गया और उनके कुर्ते के गले मे झाँकने लगा दीदी तो मुझे देख नहीं सकती थी उन्होंइ कहा की "क्या हुआ सोनू आज बड़ा प्यार आ रहा है तुजे अपनी दीदी पे " मैंने कहा नहीं दीदी वो तो एसे ही" और मैंने दीदी के कुर्ते के अंदर पास से देखा उनकी शमीज और उनकी ब्रा मुझे अब साफ़ नजर आ रे थी मैंने अब हाथ गले से निकाल कर उनके कंधो पे रख लिया और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स को महसुस करने लगा ये सब करते हुए मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था इच्छा तो हो रही थी की पीछे से खड़े होके उनके कुर्ते के गले मे हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू उनकी ब्रा फाड़ के चूस लो उनके मोटे कोमल बोबो को लेकिन कुछ कर भी तो नहीं सकता था।सबका नाश्ता ख़तम हो चूका था और दीदी भी नाश्ता करके घर की साफ़ सफाई मे लग गए थी अब मै बस इसी फिराक म था की दीदी झुके और उनके बोबे देखलू मै दीदी के आस पास ही था
उस दिन सन्डे था हमारे स्कूल की छुट्टी थी मै और मेरे दीदी साथ ही सोते थे उनके और मेरे बेड के बीच 1 टेबल रखी हुई थी।हा तो उस दिन सन्डे के दिन मम्मी ने मुझे बोला की जा सोनू दीदी को उठा दे 9 बज रहे है मैंने कहा हा मम्मी मैं अपने रूम मे गया तो दीदी सो रही थी गर्मियों के दिन थे तो दीदी रात मे गाउन पेहेन लेती थी
उस दिन सुबह जब मै दीदी को उठाने पहुंचा तो दीदी साइड करवट में सो रही थी और उनका गाउन ऊपर हो गया था मैंने जेसे ही उन्हें उठाने के लिए उनपे से चद्दर हटाई मेने अपनी दीदी के नंगी चिकनी टांग देखी उनका गाउन उनकी thigs तक ऊपर हो गया था और जेसे ही मेने उनकी नंगी गोरी और चिकनी टांग देखी मुझे पता नहीं क्या होगया मेरे लंड मे 1 दम से हरकत हुई न चाहते हुए भी मुझे दीदी के ऊपर उठे गाउन मे से उनकी नंगी चिकने thighs म मजा आ रहा था बिलकुल गोरी साफ़ और चिकनी thigs थी मेरे दीदी की उनकी नंगी गोरी thigs देख के क मुझे पता नहीं क्या हो गया था आज तक मैंने किसी भी लड़की का एसा कुछ नहीं देखा था उस समय मुझे ये तक नही पता था की लड़की होती क्या है बस स्टडी और खेलना ही जानता था 1 दम से आज मैंने वो देखा जिसका मुझे आज तक पता नहीं था दीदी की thigs देखने के बाद मुझे और देखने की इच्छा हुई तो मैंने दीदी के गाउन को बड़े ध्यान से धीरे 2 डरते 2 थोडा सा और ऊपर किया तो मुझे उनके हिप्स की स्टार्टिंग दिखाई दी वो नजारा भी क्या नजारा था दोस्तों मेरे जवान बड़ी बेहेन की पूरी नंगी चिकनी टांग हिप्स तक मेरे सामने थी मुझे एसा अनुभव पहले कभी नहीं हुआ था मुझे पता नहीं क्या हो गया था मैंने फिर उनका गाउन ध्यान से थोडा और ऊपर किया अब मुझे उनकी पेंटी नजर आ गई उन्होंने black कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरी दीदी मेरे सामने अपनी पेंटी मे सो रही थी मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया था मैंने पहली बार किसी लड़की की पेंटी और हिप्स देखे थे मेरी दीदी के हिप्स देख के मैं पागल हो गया पता नहीं क्या हो गया था मुझे मैं उनकी पेंटी को छूना चाहता था जेसे ही मैंने अपना हाथ अपनी दीदी की thigs पे रखा मम्मी ने आवाज लगा दी "प्रीती क्या हुआ उठी नहीं तू " और मैं वहा से भाग गया मेरा साथ एसा कुछ होगा मैंने कभी नहीं सोचा था मेरी दीदी के लिए मेरी फीलिंग्स अब बदल चुकी थी उस दिन दीदी उठी ब्रश किया और सबको गुड मोर्निंग कहा और मुझे भी हमेशा की तरह गले लगा के विश किया उस दिन दीदी के गले लगने पर मुझे 1 अजीब सा एहसास हुआ उनकी कोमल स्किन उनके बालो की खुशबु उनके बदन के स्पर्श से आज मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं डाइनिंग टेबल पे बता था जब दीदी में मुझे झुक के गुड मोर्निंग विश किया.
जेसे ही दीदी झुकी तो मेरी नजरे दीदी के कुर्ते के अंदर गयी क्या नजारा था दीदी के कुर्ते के अंदर का उन्होने कुर्ते के अंदर ब्लैक शमीज पेहेन रखी थी और शमीज के अंदर ब्रा पेहेन रखी थी उनकी ब्रा का शेप तो मुझे दिखा लेकिन कलर नही दिखा क्योंकि उनकी शमीज का कलर ब्लैक था लेकिन अंदर क्या शेप बन रहा था उनके झुकने के कारन उनके बोबे थोड़े से लटक भी गए थे क्या बोबे थे मेरी बेहेन के मैंने तो कभी गोर ही नहीं किया था की मेरी दीदी के बोबे इतने मोटे हें.मुझे हग करके वो भी टेबल पर बैठ गए नाश्ता करने के लिए वो न्यूज़ पेपर पढ़ रही थी लेकिन मेरी नजर तो बार बार उनपे ही जा रही थी वो कुछ भी लेने के लिए हाथ इधर उधर करती तो उनके कुर्ते के गैप मे से मुझे उनकी शमीज और ब्रा की स्ट्रैप्स दिखाई देती जिसे देखने मे मुझे बहुत मजा आ रहा थामैं बार बार दीदी की शमीज और ब्रा के स्ट्रैप्स उनके कुर्ते की साइड के गले मे से देख रहा था उनके अंदर के शरीर की गोरी गोरी कोमल skin देखने मे मुझे बड़ा मजा आ रहा था नाश्ता करते हुए मै किसी न किसी बहाने से दीदी का हाथ टच कर रहा था मैंने सोचा की अब और कुछ ज्यादा केसे मजे लिए जाये तभी दीदी ने मुझसे बोल "अरे सोनू मुझे सॉस की बोतल लाके देना किचन मे से " मै खड़ा हुआ और दीदी को सॉस की बोतल लाके दी और पीछे से दीदी के गले मै हाथ दाल के खड़ा हो गया और उनके कुर्ते के गले मे झाँकने लगा दीदी तो मुझे देख नहीं सकती थी उन्होंइ कहा की "क्या हुआ सोनू आज बड़ा प्यार आ रहा है तुजे अपनी दीदी पे " मैंने कहा नहीं दीदी वो तो एसे ही" और मैंने दीदी के कुर्ते के अंदर पास से देखा उनकी शमीज और उनकी ब्रा मुझे अब साफ़ नजर आ रे थी मैंने अब हाथ गले से निकाल कर उनके कंधो पे रख लिया और उनकी ब्रा स्ट्रैप्स को महसुस करने लगा ये सब करते हुए मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था इच्छा तो हो रही थी की पीछे से खड़े होके उनके कुर्ते के गले मे हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू उनकी ब्रा फाड़ के चूस लो उनके मोटे कोमल बोबो को लेकिन कुछ कर भी तो नहीं सकता था।सबका नाश्ता ख़तम हो चूका था और दीदी भी नाश्ता करके घर की साफ़ सफाई मे लग गए थी अब मै बस इसी फिराक म था की दीदी झुके और उनके बोबे देखलू मै दीदी के आस पास ही था
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