3 Apr 2013

प्यार 5

priti214 - फिर उन्होंने अपने हाथ को मेरे कुर्ते के अंदर डाला और मेरी सलवार के नाड़े को ढूंढ़ने लगे मेरी दिल की धड़कने इतनी तेज चल रही थी की मैं बता नहीं सकती मेरे पापा की उम्र का आदमी मेरी सलवार और पेंटी पे से मेरी वेजिना पे हाथ फेर रहा था वो भी मेरे पापा मम्मी के उसी गाडी में होते हुए भी।।
raj2002 -
आगे क्या हुआ जान 
priti214 -
मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करू ये आदमी मुझे नंगी करने की सोच रहा था इस गाडी मैं जिसमे मैं मेरी पूरी फॅमिली बेठी है फिर भी मै इसे रोक क्यों नहीं रही हू मेरा दिल बोल रहा था की मैं उसे रोकू और दिमाग कह रहा था की जो चल रहा ह उसे चलने दू नंगी हो जाऊ इस गाडी में और अंकल को अपनी नंगी वेजिना पे हाथ फेरने दू तभी अंकल को मेरी सलवार का नाडा मिल गया और वो उसे खींचने ही वाले थे की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया जेसे ही मेरी आँखें खुली मुझे समझ आगया की मुझे क्या करना है मैंने अंकल की तरफ घूर के देखा उनके हाथ को झटका और पीछे मुडी उनके के चेहरे पे हवाइया उड़ रही थी क्योंकि उनकी भी दोनों जवान बेटियां उस गाडी मैं थी मैंने जोर से चिल्लाके कहा " मम्मी बहुत हो गया अब मुझसे नहीं झेला जाता आगे और मैं आपको कुछ बताना चाहती हु " priti214 - मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या करू ये आदमी मुझे नंगी करने की सोच रहा था इस गाडी मैं जिसमे मैं मेरी पूरी फॅमिली बेठी है फिर भी मै इसे रोक क्यों नहीं रही हू मेरा दिल बोल रहा था की मैं उसे रोकू और दिमाग कह रहा था की जो चल रहा ह उसे चलने दू नंगी हो जाऊ इस गाडी में और अंकल को अपनी नंगी वेजिना पे हाथ फेरने दू तभी अंकल को मेरी सलवार का नाडा मिल गया और वो उसे खींचने ही वाले थे की मैंने उनका हाथ पकड़ लिया जेसे ही मेरी आँखें खुली मुझे समझ आगया की मुझे क्या करना है मैंने अंकल की तरफ घूर के देखा उनके हाथ को झटका और पीछे मुडी उनके के चेहरे पे हवाइया उड़ रही थी क्योंकि उनकी भी दोनों जवान बेटियां उस गाडी मैं थी मैंने जोर से चिल्लाके कहा " मम्मी बहुत हो गया अब मुझसे नहीं झेला जाता आगे और मैं आपको कुछ बताना चाहती हु " अंकल की हालत देखने लायक थी उन्होंने मेरी तरफ देख के धीरे से कहा प्लीज बेटी किसी को कुछ मत कहने मैं आगे से ऐसा कुछ नहीं करूँगा सॉरी प्लीज सॉरी , मम्मी ने मुझसे पुछा "क्या हुआ प्रीती क्या नहीं झेला जाता मैंने मम्मी को धीरे से कहा मम्मी गाडी रुकवाओ न किसी रेस्टोरेंट पे मुझे भूख भी लगी है और टॉयलेट भी जाना है " मेरी बात सुनके अंकल के चेहरे पर सुकून आया 
raj2002 -
तो जान तुम बता देती ना उस कमीने की करतूत क्यों नहीं बताया 
priti214 -
यार मैंने सोचा छोड़ो अभी इसकी अच्छी खासी फॅमिली बिगड़ जाएगी और इसने सॉरी भी बोल दिया था इसलिए 
raj2002 -
फिर वो अंकल क्या अभी भी घर पे आते है क्या अभी भी तुम्हारी ब्रा के स्ट्रैप्स को फील करते है क्या 
priti214 -
नहीं फिर मैंने मम्मी को बोल दिया था की दिनेश अंकल गालो पे टच करते है तो मुझे अच्छा नहीं लगता कोई बच्ची थोड़ी ना हूँ तो मम्मी ने बोल दिया की तू पैर मत छुहा कर दूर से नमस्ते कर लिया कर 

raj2002 -
लेकिन जान तुम्हे मजा आया था ना जब अंकल तुम्हारे बूब्स और वेजिना पे अपना हाथ फेर रहे थे 
priti214 -
ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म 
raj2002 -
तुम्हारी वेजिना मे से डिस्चार्ज भी निकला होगा ना 
priti214 -
ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म 
raj2002 -
कितना निकला था 
priti214 -
इतना तो निकला था की मुझे मेरी पेंटी गीली गीली लगने लग गयी थी 
raj2002 -
जान 1 बात बोलू 
priti214 -
हा जी बोलो 
raj2002 -
तुम्हारी ये सारी बातें सुन के मेरा खड़ा हो गया 
priti214 -
हे भगवान् ! तुम्हारा तो हमेशा ही खड़ा हो जाता है सुला दो उसे बहुत बिगड़ गया है 
raj2002 -
केसे जान तुम सुलाओ ना इसे 
priti214 -
मैं वहां आगई ना तो मरोड़ दूंगी उसे हा हा हा हा हा हा 
raj2002 -
तो जान फिर कभी हुआ क्या एसा कुछ तुम्हारे साथ उन अंकल के अलावा किसी और ने हाथ लगाया क्या तुम्हे कभी यहाँ वहां 
priti214 -
नहीं और किसी ने तो नहीं लगाया 
priti214 -
हाँ याद आया 1 बार और हुआ था एसा 
raj2002 -
कब कहाँ पूरी बात बताओ ना 

priti214 -
अभी 6 महीने पहले की ही बात है मेरा 1 एग्जाम था जिसका सेण्टर दूसरे सिटी मे आया था तो मम्मी की बेहेन यानी मेरी मौसी की लड़की भी उसी सिटी में रहती है वो मैरिड है तो मम्मी ने कहा की तू वहीँ रुक जाना मैंने कहा ठीक है मै एग्जाम के 2 दिन पहले वहां पहुंची जीजू स्टेशन पे लेने आ गए थे दीदी जीजू की शादी को अभी 4 साल ही हुए थे और उनकी 1 बेटी भी थी श्रेया 1 साल की जीजू ने हाय हेलो किया और मुझे घर ले गए उनका घर ज्यादा बड़ा नहीं था 2 रूम किचन फ्लैट था मेरा सामान 2ण्ड रूम मे रखवा दिया था मैंने अपने कपडे चेंज किये और गर्मियों के दिन थे इसलिए 1 पतली सी कैपरी और पतला सा टॉप पेहेन लिया फिर दीदी से थोड़ी बातें की फिर थोड़ी देर सो गयी 
raj2002 -
फिर 
priti214 -
शाम को उठी तो दीदी खाना बना रही थी मैंने सोचा उनकी हेल्प कर दू थोड़ी तो किचन मे उनके पास जाके खड़ी हो गयी और उनकी हेल्प करने लगी इतने मैं जीजू भी आ गये और बातें करने लगे 1 दम से लाइट चली गयी और मुझे अपने हिप्स पर 1 हाथ महसूस हुआ वो हाथ मेरे पूरे हिप्स पर घूम रहा था सारी उंगलिया मेरे हिप्स को सहला रही थी वो हाथ मेरे हिप्स पर घूमते हुए मेरे हिप्स को सहला रहा था और जोर 2 से दबा रहा था 
raj2002 -
फिर 
priti214 -
मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू क्या नहीं करू ये किसका हाथ है मेरे पास दो ही तो लोग थे जीजू और दीदी मैं ये सब सोच रही थी तभी 1 ऊँगली मेरे दोनों हिप्स के बीचे की दरार में घुस गयी और अंदर घुमने लगी मेरे अंदर 1 अजीब सी फीलिंग आ रही थी मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मेरी आँखें बंद हो चुकी थी और मैंने नोटिस किया की मेरी पेंटी भी गीली हो गई थो थोड़ी सी इतने मे लाइट आ गयी और वो हाथ गायब हो गया लाइट आयी तो मैंने देखा मेरे पास दीदी खड़ी थी और उनके पास जीजू मैंने सोचा ये सब किसने किया होगा मैंने अंदाजा लगाया की शायद अँधेरे मे जीजू को पता नहीं होगा की वो किस के हिप्स पे हाथ फेर रहे है तो गलती से हो गया होगा 
raj2002 -
आगे क्या हुआ जान 

priti214 -
फिर हम खाना खा रहे थे दीदी और मैं साथ बैठे थे और जीजू सामने बैठे थे डाइनिंग टेबल पे , खाना खाते 2 अचानक जीजू ने अपना पैर मेरे पैर रख दिया और अपने पैर को मेरे पैर पे फेरने लगे फिर उनका पैर धीरे 2 ऊपर आने लगा और मेरी कैपरी पे से मेरी thigs पर जीजू अपना पैर फेरने लगे मैं चुप चाप जल्दी 2 खाना खा रही तभी जीजू ने अपने पैर को मेरी दोनों thigs के बीच में डाल दिया और मेरी thigs के अंदर की तरफ अपने पैरो की उंगलियों को फेरने लगे फिर उन्होंने अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पे फेरने लगे उसपे धक्का देने लगे मेरी हालत तो ख़राब हो चुकी थी बुरी तरह मेरी धड़कने बहुत तेज चल रही थी क्योंकि मेरी कैपरी बहुत पतली थी मुझे जीजू के पैर का अंघूठा अपनी वेजिना के होल पे बहुत अच्छी तरह से फील हो रहा था वो अपने पैर के अंघूटे से मेरी वेजिना के होल पर ऊपर नीचे फेर रहे थे उस पे धक्का दे रहे थे मेरी कैपरी काफी पतली थी और मुझे बहुत मजा आरहा था मेरा बहुत सारा डिस्चार्ज निकल गया था और मेरी पूरी पेंटी गीली हो गयी थी शायद उन्हें भी मेरी वेजिना के गीलेपन का एहसास हो चूका था वो जोर 2 से मेरे वेजिना के होल पे धक्का देने लगे और मुझे इतना अच्छा महसूस हो रहा था मुझे इतना मजा आ रहा था तभी दीदी ने जीजू से कहा की क्या कर रहे हो जीजू ने जल्दी से अपना पैर नीचे करके पुछा क्या हुआ दीदी ने कहा खाना तो ढंग से खाओ खाली सब्जी क्यों खा रहे हो और इतने में मैंने अपनी प्लेट उठाई और किचन में चली गयी फिर बाथरूम में जाके देखा तो सामने से मेरी कैपरी गीली हो गयी थी फिर मैंने अपनी पेंटी में देखा तो वो भी पूरी गीली हो गयी थी और उसमे मेरी वेजिना का बहुत सारा डिस्चार्ज था मैंने कैपरी और पेंटी चेंज की और श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मैं देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मैंने सोचा की दीदी के कितने लोगो ने मजे ले रखे हैं बस मैं ही पीछे हु इतने में मम्मी और दीदी मार्किट से आ गए मैंने लैपटॉप बंद कर दिया और सोचने लगा की मैं दीदी के मजे केसे लू रात हो चुकी थी इतने मैं घर पे दिनेश अंकल आ गए मम्मी ने कहा "नमस्ते भाई साहब केसे आना हुआ" तो उन्होंने कहा की " भाभी मुझे इन्टरनेट पे कुछ काम था थोड़ी देर का अब मुझे तो यूज़ करना आता नहीं है तो सोचा की प्रीती की हेल्प ले लू " मम्मी ने कहा हा हा क्यू नहीं "प्रीती जरा यहाँ आना दिनेश अंकल की हेल्प कर दे थोड़ी " दीदी आई अंकल को नमस्ते किया और लैपटॉप लेने अंदर चली गयी दीदी ने अंदर रूम मैं मुझे बुलाया और कहा की " सोनू जब मैं अंकल के साथ बैठू तो तू भी मेरे साथ बैठ जाना हमारे बीच में " मैं समझ गया की दीदी एसा क्यों कह रही ताकि अंकल वापस कुछ छेड़खानी ना करे दीदी के यहाँ वहां हाथ न लगाये मैंने कहा "हाँ दीदी " दीदी लैपटॉप लेके ड्राइंग रूम मे आयी और सोफे पे बैठ गयी और सामने की टेबल पे लैपटॉप रख दिया जब उसे ओन किया तो वो ओन नहीं हुआ दीदी ने देखा की लैपटॉप की बैटरी ख़तम हो गयी थी उन्होंने चार्जर लगाया और लैपटॉप ओन किया मैं आके अंकल और दीदी के बीच मैं बैठ गया दीदी बिलकुल मुझसे चिपक के बैठी थी उनकी जांघ मेरी जांघ से टच हो रही थी दीदी ने वाइट कलर का लम्बा और ढीला कुरता और पटियाला सलवार पेहेन रखी थी ब्लैक कलर की दीदी की सलवार बहुत पतली थी बहुत सेक्सी लग रही थी दीदी लम्बे बालो को क्लिप से बाँधा हुआ फेस पे स्पेक्ट्स और कुरता और पटियाला सलवार

मुझे दीदी के बदन की धीमी 2 खुशबु आ रही थी और उनकी जांघ की टचिंग से मेरा लंड खड़ा हो गया था इतने में लाइट चली गयी और लैपटॉप फिर से बंद हो गया पूरे घर में अँधेरा हो गया मम्मी ने कहा "सब जहा बठे हो वही रहना मैं टोर्च लाती हु " मेरे दिमाग मैं दीदी की chats घूम गयी केसे दीदी की गांड पे जीजू ने हाथ फेरा था जब लाइट गयी थी अगर मैं भी हाथ फेर लू तो दीदी तो यही सोचेगी की दिनेश कर रहा है मैंने दीदी की जांघ पे हाथ फेरा दीदी ने कोई हरकत नहीं की फिर मैंने दीदी के बोबो पे हाथ फेरा उनके कुर्ते के ऊपर से उन्हें दबाया दीदी के मुंह से आह की आवाज निकली मेरा लंड टाइट हो गया आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के कोमल बोबो को छुहा था जिनकी वजह से मैं इतना तडपा था आज वो मेरे हाथ मे थे मैंने दीदी के बोबो को सहलाया उन्हें दबाया 1 दम से दीदी के मुह से मीठी सी सिसकी निकली और उन्होंने अपना हाथ मेरी जांघ पे रखा दिया मुझे पता था की दीदी को एहसास ही नही है की उनका छोटा भाई ही उनके बोबे दबा रहा है मैंने दीदी के बोबे दबाते हुए दीदी से पुछा " क्या हुआ दीदी " दीदी ने कहा " कुछ नहीं सोनू " फिर मेने दीदी के कुर्ते को थोडा ऊपर किया और अपना हाथ दीदी के कुर्ते के अंदर डाला और उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा कितने मस्त बोबे थे मेरी बेहेन के बिलकुल टाइट मोटे 2 मैंने उनके दोनों बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें सहलाया उन्हें दबाया मेरा लंड अपनी मस्ती मैं फुल टाइट खड़ा था दीदी के बोबे दबाते 2 मुझे एहसास हुआ की दीदी की धड़कने बहुत तेज़ चल रही थी 

No comments:

Post a Comment